NSE ने पिछले एक महीने में, डब्बा ट्रेडिंग से जुड़ी गतिविधियों के खिलाफ करीब दो दर्जन चेतावनियां और परामर्श जारी किए। डब्बा ट्रेडिंग (यानी स्टॉक एक्सचेंजों से अलग गुप्त तरीके से शेयरों में कारोबार) से जुड़े प्लेटफॉर्म लोगों को गैर-जरूरी टिप्स देकर निवेश की सलाह देते हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने महामारी के बाद डब्बा ट्रेडिंग यानी अवैध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों में तेजी दर्ज की है। तब से हमने विभिन्न तरह के आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) टूल्स विकसित किए हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर जागरुकता बढ़ाई है। मार्केट इंटेलीजेंस और जांच टीम टेलीग्राम, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्मों और सोशल मीडिया पर अवैध योजनाओं को बढ़ावा देने वाले लोगों पर नजर रख रही है।’
अधिकारी ने कहा, ‘हमारी टीमें स्थानीय सर्किलों तक पहुंचने, वेबिनारों में हिस्सा लेने के लिए मिस्ट्री शॉपिंग एजेंसियों के साथ जुड़ी हुई हैं। जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे कदम उठाया जाएगा।’ मिस्ट्री शॉपिंग’ ग्राहक सेवा अनुभव का अंदाजा लगाने के लिए रिटेल क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली अवधारणा है।
पिछले कुछ सप्ताहों में जिन इकाइयों के खिलाफ चेतावनी जारी की गई हैं, उनमें डब्बा ट्रेडिंग ऑपरेटर, गारंटीड रिटर्न योजनाएं पेश करने वाले लोग, और पंजीकृत निवेश परामर्श लाइसेंस के बगैर शेयरों के बारे में टिप्स या सुझाव देने वाले लोग शामिल हैं। कुछ मामलों में, एक्सचेंज ने पुलिस शिकायतें भी दर्ज की हैं।
पिछले साल के दौरान, NSE ने अनाधिकृत या अवैध गतिविधियों के बारे में प्राप्त जानकारी या सुझावों की जांच की। इन झूठे टिप्स में फिक्स्ड या गारंटीड रिटर्न वाली योजनाओं का भी जिक्र किया गया।
कई मामलों में निवेशकों को सोशल मीडिया और चैट समूहों पर प्रसारित गैर-जरूरी मैसेजों के आधार पर यूजर आइडेंटिफिकेशन एवं पासवर्ड साझा करते पाया गया था। इनमें निवेशकों को विकल्प अनुबंधों समेत विभिन्न योजनाओं में निवेश कर ऊंचे प्रतिफल का झूठा वादा किया गया था।
इस बीच, डब्बा ट्रेडिंग ऑपरेटर कर बचाने के लिए स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से अलग सौदे कराते हैं। कोविड महामारी के बाद ऐसे प्लेटफॉर्मों की संख्या बढ़ गई है। लॉकडाउन के दौरान लोगों की ट्रेडिंग में दिलचस्पी तेजी से बढ़ गई थी।
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कीमत में उतार-चढ़ाव के आधार पर, कारोबारी या तो रकम चुकाता है या मुनाफा कमाता है। उद्योग के विश्लेषकों का कहना है कि सामान्य तौर पर टैक्स बचाने और स्वतंत्र मार्जिन जरूरतें निवेशकों को ऐसे अवैध प्लेटफॉर्मों की ओर आकर्षित करती हैं।
कई चेतावनियां जारी करने के साथ एक्सचेंज ने निवेशकों को सतर्क किया है कि ऐसे अवैध प्लेटफॉर्मों में उनकी भागीदारी उनके लिए, उनकी पूंजी को जोखिम पैदा कर सकती है।
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केजरीवाल रिसर्च ऐंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अरुण केजरीवाल का कहना है, ‘चूंकि डब्बा कारोबारी नियमन के दायरे में नहीं हैं, इसलिए उनके लिए कोई विवाद समाधान प्रक्रिया नहीं है। गुपचुप तरीके से ऐसा कारोबार करने वाले कारोबारियों को यह भरोसा दिलाया जाता है कि इसमें प्रवेश करने पर किसी तरह का मार्जिन मैंटेनेंस या अन्य रोक नहीं है। लेकिन बाद में, ऑपरेटर गलत तरीकों के जरिये पैसा वसूलने का दबाव बनाते हैं।’