सेक्टोरल व थीमेटिक फंडों को ज्यादा जोखिम वाली योजनाएं माना जाता है, लेकिन युवा पीढ़ी (मिलेनियल) के ज्यादातर नए निवेशकों को यह म्युचुअल फंडों की ओर खींच रहा है। रजिस्ट्रार व ट्रांसफर एजेंट कैम्स की रिपोर्ट से पता चलता है कि किसी खास क्षेत्र या निवेश थीम वाली म्युचुअल फंड की योजनाएं वित्त वर्ष 21 से पहली बार निवेशक बने मिलेनियल के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में 21 फीसदी नए मिलेनियल निवेशकों ने इन योजनाओं के साथ म्युचुअल फंड की अपनी यात्रा शुरू की।
विशेषज्ञों के मुताबिक, कोविड की शुरुआत के बाद इक्विटी बाजार में आई तेजी के बीच म्युचुअल फंड निवेश प्लेटफॉर्म की महत्ता बढ़ी और इसने सेक्टोरल व थीमेटिक योजनाओं को सुर्खियों में लाने में अहम भूमिका निभाई।
मनीफ्रंट के सह-संस्थापक और सीईओ मोहित गैंग ने कहा, इसकी दो वजहें हो सकती हैं। पहला, ज्यादातर मिलेनियल निवेशक म्युचुअल फंड उद्योग में ऑनलाइन निवेश प्लेटफॉर्म के जरिए आ रहे हैं और ऐसे में उनकी प्रवृत्ति वहां सूचीबद्ध सबसे अच्छी योजनाओं में निवेश की होती है।
साथ ही इस सूची में अक्सर सेक्टोरल फंडों का वर्चस्व होता है। दूसरा, कुछ मिलेनियल निवेशक ट्रेडिंग का मन बनाकर आ रहे होंगे और वे किसी एक क्षेत्र विशेष या थीम में संभावित सुधार या बढ़त का फायदा उठाना चाहते होंगे।
रिटर्न के चार्ट पर सेक्टोरल व थीमेटिक फंड अक्सर सबसे ऊपर रहते हैं, लेकिन क्षेत्र व थीम बदलता रहता है, जिससे म्युचुअल फंडों की व्यापक पेशकश मसलन फ्लेक्सीकैप, मल्टीकैप व लार्जकैप योजनाओं के मुकाबले ये ज्यादा जोखिम वाले हो जाते हैं। उदाहरण के लिए विशेष रूप से पीएसयू बैंकों में निवेश करने वाली म्युचुअल फंड योजनाओं ने एक साल की अवधि में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है।
हालांकि कई वर्षों तक कमजोर प्रदर्शन के बाद यह प्रदर्शन देखने को मिला है। ऐसे में ये 10 साल की अवधि में ये सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देसी इक्विटी फंड हैं, जिनका सालाना रिटर्न महज 3 फीसदी है।
फंड्सइंडिया के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जे. मेहता ने कहा, पूरी तरह से पिछले प्रदर्शन के आधार पर फंडों का चयन शायद सेक्टोरल व थीमेटिक फंडों के लिए सही नहीं हो सकता। ये फंड खास सेक्टर व थीम पर केंद्रित होते हैं, ऐसे में कारोबारी चक्र के लिहाज से इसमें प्रवेश व निकासी अहम होता है।
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हाल के वर्षों में लोकप्रिय फंड शायद हमेशा सबसे अच्छी पसंद नहीं होते और निवेशकों को इनमें निवेश के फैसले के लिए पूरी तरह से पिछले प्रदर्शन पर भरोसा करने के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
सेक्टोरल व थीमेटिक फंडों के लिए उत्साह शायद पहली बार निवेश करने वाले मिलेनियल तक सीमित नहीं है। इस श्रेणी को वित्त वर्ष 23 में सभी सक्रिय इक्विटी योजनाओं में सबसे ज्यादा 23,780 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल हुआ है। स्मॉलकैप फंडों को दूसरा सबसे बड़ा शुद्ध निवेश 22,100 करोड़ रुपया हासिल हुआ।