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उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

लेखक : मनोजित साहा

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

NPA 10 साल में सबसे कम

सितंबर 2022 में बैंकों के शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA)  और शुद्ध आवंटन अनुपात में कमी आई है। मुनाफा बढ़ने से बैंकों को एनपीए के लिए प्रावधान बढ़ाने में मदद मिली है। इस वजह से आलोच्य अवधि में यह अनुपात कम होकर 1.3 प्रतिशत रह गया, जो 10 वर्षों का सबसे निचला स्तर है। भारतीय रिजर्व […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

2022 में मौद्रिक नीति में सख्ती, 2023 में ठहराव

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने करीब दो साल के अंतराल के बाद 2022 में नीतिगत रीपो रेट में बढ़ोतरी शुरू की। रिजर्व बैंक की 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति ने 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान रीपो रेट में कटौती शुरू की और ब्याज दरों में 115 आधार अंक की तेज गिरावट हुई। राष्ट्रीय […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

बैंकों का बहीखाता दमदार, सात साल बाद दिखी दो अंकों में वृद्धि-RBI

भारतीय बैंकों की सेहत में लगातार सुधार दिख रहा है। भारत में बैंकिंग पर अपनी वा​र्षिक रुझान एवं प्रगति रिपोर्ट में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि साल 2021-22 में सात साल के अंतराल के बाद भारतीय बैंकों के बहीखाते में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया […]

आज का अखबार, बॉन्ड, वित्त-बीमा, विशेष

BFSI Summit: सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड होगा निजी क्षेत्र के लिए बेंचमार्क

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा है कि ईएसजी से जुड़े रुपया बॉन्ड के जरिये रकम जुटाने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए केंद्र सरकार के सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड की प्राइसिंग बेंचमार्क (कीमत तय करने के पैमाने) के तौर पर काम कर सकती है। डिप्टी गवर्नर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड […]

वित्त-बीमा, विशेष, समाचार

BFSI Summit 2022: प्राइवेट सेक्टर के लिए बेंचमार्क बन सकते हैं Sovereign Green Bond- RBI डिप्टी गवर्नर

BFSI Summit 2022: बिजनेस स्टैंडर्ड की BFSI इनसाइट समिट में भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने गुरुवार को कहा कि केंद्र के सॉवरीन ग्रीन बॉन्ड प्राइवेट क्षेत्र द्वारा फंड जुटाने की प्रक्रिया लिए एक बेंचमार्क तय कर सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के अपने बजट भाषण में घोषणा […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा, विशेष

BFSI Summit: आधार प्रभाव के कारण ऋण-जमा वृद्धि में अंतर

ऋण और जमा वृद्धि के बीच व्यापक अंतर इनके संबं​धित आधार (बेस इफेक्ट) की वजह से हैं और उच्च ऋण वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांत को दर्शाती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट (BFSI Summit) में आज ये बातें कहीं। कार्यक्रम के दौरान बातचीत में […]

वित्त-बीमा, विशेष, समाचार

BFSI Summit 2022 : बेस इफेक्ट की वजह से क्रेडिट, डिपॉजिट ग्रोथ में दिख रहा गैप – RBI गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा आयोजित ‘BFSI Insight Summit 2022’ में कहा कि क्रेडिट और डिपॉजिट ग्रोथ के बीच गैप संबंधित बेस इफेक्ट के कारण है और दोनों भारतीय अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स को दर्शाते हैं। दास ने एक फायरसाइड चैट के दौरान कहा, “जिस तरह पिछले वर्ष […]

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