भारत की GDP के 6 से 6.8 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान
वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6-6.8 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान है। मंगलवार को जारी 2022-23 के आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन और उनकी टीम द्वारा तैयार की गई समीक्षा में कहा गया है, ‘महामारी के कारण […]
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा, घाटे के लक्ष्य के लिए आंकड़े पर ही गौर करना सही नहीं
आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) पेश किए जाने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि बजट में घाटे का लक्ष्य कर्ज के स्तर और सरकार द्वारा प्रभावी तरीके से व्यय की क्षमता पर निर्भर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023 के और आंकड़े उपलब्ध होने पर आर्थिक समीक्षा को अद्यतित […]
Budget 2023 में आर्थिक वृद्धि की गति बनाए रखने पर होगा जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले चार साल में देसी अर्थव्यवस्था में नरमी और दो साल तक कोरोना महामारी की मार के बीच बजट पेश किया था। 1 फरवरी को जब वह पांचवां बजट पेश करेंगी तो भी ऐसी ही अन्य चुनौतियां होंगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत ज्यादा चमकता हुआ सितारा है मगर इसके अधिकतर […]
Budget 2023: अंतिम चरण में पहुंची केंद्रीय बजट की प्रक्रिया
वित्त मंत्रालय गुरुवार को परंपरागत ‘हलवा रस्म’ के बाद 2023 के केंद्रीय बजट को छपने की प्रक्रिया शुरू होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से ठीक एक सप्ताह बाद 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। मंत्रालय ने ट्वीट किया कि वित्त वर्ष 2023-24 का बजट कागजरहित होगा, जैसा कि इसके पहले के दो केंद्रीय बजट […]
सरकार को ठीक लग रहा GDP का लक्ष्य
आम बजट आने से पहले सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के बारे में सरकार के शीर्ष स्तर की सोच एकदम स्पष्ट है। उसे लगता है कि जीडीपी में 6 से 6.5 फीसदी का लक्ष्य वित्त वर्ष 2024 और लघु से मध्यम अवधि में आसानी से पाया जा सकता है। इसलिए सरकार को राजकोषीय घाटा कम करने […]
सरकार फिर नहीं करेगी एफआरबीएम ऐक्ट में संशोधन
केंद्र सरकार द्वारा लगातार तीसरे साल राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम ऐक्ट) में संशोधन किए जाने की संभावना नहीं नजर आ रही है। बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक सरकार को वित्त वर्ष 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी के असर से वित्त वर्ष 2023-24 में व्यय की प्रतिबद्धताएं प्रभावित […]
केंद्रीय मदद के बावजूद पूंजीगत व्यय में पीछे रहे राज्य
कोविड-19 महामारी की वजह से निजी क्षेत्र के निवेश की योजनाएं प्रभावित हुई हैं, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र पर पूंजीगत व्यय का पूरा भार आ गया है। पिछले कुछ साल से अर्थव्यवस्था में नए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ा है। वहीं चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार के समर्थन के बावजूद कई राज्यों ने पूंजीगत व्यय […]
‘वैश्विक मंदी का भारत की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं होगा’
उद्योग जगत के दिग्गजों ने भारत की अर्थव्यवस्था लचीली होने को लेकर भरोसा जताया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मुताबिक वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सीआईआई का कारोबारी विश्वास सूचकांक (बिजनेस कॉन्फीडेंस इंडेक्स) अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान पिछले दो साल के उच्चतम स्तर पर रहा है। सीआईआई ने कहा है कि वित्तीय हालत तंग रहने […]
Budget 2023: वैश्विक चुनौती भारत के लिए अवसर
वित्त वर्ष 2024 के आम बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ वैश्विक आर्थिक माहौल और मध्यम से दीर्घ अवधि में भारत की उसमें भूमिका पर आज विचार-विमर्श किया। अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य शीर्ष सरकारी अधिकारियों के सामने सुझाव रखे कि जब कई विकसित देशों के […]
Global Risks Report 2023: भारत में आजीविका की बढ़ी लागत का संकट
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2023 के अनुसार डिजिटल असमानता, संसाधनों की भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, आजीविका की लागत का संकट, ऋण संकट और प्राकृतिक आपदाएं और मौसम संबंधी चरम घटनाएं लघु और मध्यम अवधि के हिसाब से भारत के लिए सबसे बड़े जोखिम हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर […]