राज्य सरकार को एक तरह से झिडकी देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने आज निर्देश दिया कि राज्यपाल कमला बेनीवाल 400 करोड़ रूपये के मतस्य अनुबंध घोटाला मामले में राज्य के मंत्री पुरूषोत्तम सोलंकी कथित भूमिका के लिए उनके खिलाफ मामला चलाने की मंजूरी देने पर अंतिम निर्णय करंेंगी।
अदालत ने हालांकि राज्यपाल की अनुमति के बिना राज्स सरकार के इसकी मंजूरी देने से इंकार करने के लिए मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने का अनुरोध ठुकरा दिया।
सरकार ने 29 जून को राज्य के मतस्य पालन मंत्री सोलंकी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया था।
अदालत ने यह निर्देश सोलंकी के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति नहीं देने पर मोदी और उनके मंत्रिमंडल के खिलाफ दायर अवमानना की याचिका पर दिया । इस विषय को राज्यपाल को नहीं भेजा गया था।
उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति जयंत पटेल और न्यायमूर्ति सी एल सोनी की खंडपीठ ने मोदी और राज्य मंत्रिमंडल के आठ सदस्यों के नाम अवमानना याचिका से हटाते हुए कहा कि इन्हें व्यक्तिगत रूप से अवमानना मामले में पक्ष नहीं बनाया जा सकता है लेकिन राज्य के मुख्य सचिव को सरकार की ओर से पक्ष बनाया जाना चाहिए।