जापान की प्रमुख वाहन कंपनी टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स ने औरंगाबाद में नए कारखाने की संभावना टटोलने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। कारखाना लगा तो कंपनी इस पर 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
इससे पहले भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही कोरियाई वाहन कंपनी ह्युंडै मोटर्स इंडिया पुणे के पास तलेगांव में जनरल मोटर्स का कारखाना खरीद चुकी है। उसने पहले से मौजूद अपने संयंत्रों का विस्तार भी किया है। टोयोटा की योजना इसके बाद आई है।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स ने 2023 में बेंगलूरु के निकट बिडदी में तीसरा कारखाना लगाने के लिए 3,300 करोड़ रुपये के निवेश की भी घोषणा की थी। इस कारखाने के बाद टोयोटा की उत्पादन क्षमता में सालाना 1 लाख वाहनों की बढ़ोतरी होगी। इससे कलपुर्जे बनाने वाली भारतीय कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा और कर्नाटक में 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार भी मिलेगा। 2026 में तीसरा संयंत्र पूरी तरह से बनकर तैयार होने के बाद बिडदी में टोयोटा की सालाना उत्पादन क्षमता 4.42 लाख कार हो जाएगी। फिलहाल वहां कंपनी हर साल 3.42 लाख कार बना सकती है।
पिछले साल टोयोटा किर्लोस्कर ने बढ़ती मांग पूरी करने और ग्राहकों को कारों का ज्यादा इंतजार नहीं कराने के मकसद से बिदादी संयंत्र में 30 फीसदी उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई थी। इसके लिए तीन पालियों में उत्पादन शुरू किया था। कंपनी ने 2023 में अपनी उत्पादन क्षमता में 32,000 वाहनों का इजाफा किया था। वित्त वर्ष 2024 में टोयोटा ने 2,63,512 कारें बेचीं थीं, जो वित्त वर्ष 2023 के 1,77,683 कारों से 48 फीसदी अधिक थी। टोयोटा ने अप्रैल में कहा था कि उसकी बिक्री में एसयूवी और एमयूवी का सबसे ज्यादा योगदान रहा।
महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी नगर (पुराना नाम औरंगाबाद) में इस कारखाने की संभावना तलाशने के लिए समझौते पर दस्तखत करते समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मौजूद थे। उनके अलावा टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी तथा टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के रीजनल सीईओ मासाकाजू योशिमुरा भी थे। टोयोटा किर्लोस्कर ने 1997 में भारत में कारोबार शुरू किया था और 1999 से देश में कारें बनाने लगी थी।