मॉरीशस स्थित इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग (IIHL)और हिंदुजा समूह (Hinduja Group) की अन्य इकाइयों को दिवालया रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के अधिग्रहण के लिए 9,661 करोड़ रुपये का भुगतान सभी संबंधित कानूनी और नियामकीय मंजूरियां हासिल होने के बाद ही प्राप्त होने की उम्मीद है।
इस घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (NCLT) के 27 फरवरी के आदेश के अनुसार, अधिग्रहण संबंधित भुगतान एनसीएलटी द्वारा समाधान योजना को मंजूरी और अन्य सभी कानूनी, नियामकीय मंजूरियों के 90 दिन के अंदर किया जाना है।
चूंकि टॉरंट समूह (जिसने रिलायंस कैपिटल के लिए नीलामी के दूसरे दौर का विरोध किया) द्वारा याचिका दायरा कराए जाने के बाद यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, इसलिए भुगतान 27 मई तक, यानी एनसीएलटी आदेश के तीन महीने के अंदर, नहीं किया जा सकेगा।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा टॉरंट की याचिका पर सुनवाई जून में किए जाने की संभावना है, लेकिन अब तक कोई तारीख तय नहीं की गई है।
इसके अलावा, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 10 मई को अपनी मंजूरी में कहा था कि नए प्रवर्तक को रिलायंस कैपिटल के स्वामित्व वाली बीमा कंपनियों के शेयरों के स्थानांतरण के संबंध में अन्य सांविधिक, नियामकीय, न्यायिक निकायों से सभी जरूरी मंजूरियां लेनी होंगी।
रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में रिलायंस कैपिटल की 51 प्रतिशत और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। साथ ही एक स्वास्थ्य बीमा कंपनी में भी उसकी भागीदारी है।