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तेल कंपनियों को एलपीजी की बिक्री से हुए नुकसान की जल्द भरपाई कर सकती है सरकार

घरेलू रसोई गैस की कीमतों को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है ताकि आम जनता को ऊंची बाजार दरों से बचाया जा सके।

Last Updated- July 10, 2025 | 11:06 PM IST
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सरकार पिछले 15 महीने में लागत से कम कीमत पर रसोई गैस (एलपीजी) बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) को 30,000-35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वित्त मंत्रालय वास्तविक घाटे या हानि तथा उसकी भरपाई के लिए तंत्र पर काम कर रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) के केंद्रीय बजट में सरकार ने घाटे की भरपाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। हालांकि सरकार ने अप्रैल में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 32,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया। वित्त मंत्रालय इस अतिरिक्त राजस्व का उपयोग इस्तेमाल लागत से कम कीमत पर की गई बिक्री से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कर सकता है।  

अधिकारी ने कहा, ‘तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) सरकार का हिस्सा हैं। नुकसान की भरपाई की जाएगी। हम मूल्यांकन कर रहे हैं कि कितना नुकसान हुआ। उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करने के तौर-तरीकों पर भी विचार किया जा रहा है।’

घरेलू रसोई गैस की कीमतों को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है ताकि आम जनता को ऊंची बाजार दरों से बचाया जा सके। नियंत्रित कीमतें सऊदी अरब के घरेलू रसोई गैस (सीपी) से कम हैं जो घरेलू रसोई गैस की कीमत तय करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय मानक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि घरेलू रसोई गैस का उत्पादन स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और ईंधन का आयात करना पड़ता है। इससे ईंधन खुदरा विक्रेताओं को लागत से कम कीमत पर बिक्री करनी पड़ती है और उन्हें नुकसान होता है।

First Published - July 10, 2025 | 10:24 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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