facebookmetapixel
सस्ते वैल्यूएशन पर मिल रहे ये 2 PSU Bank Stock, मोतीलाल ओसवाल ने बनाया टॉप पिक; BUY की दी सलाहसरकार बनाएगी न्यूक्लियर लाइबिलिटी फंड, ₹1500 करोड़ से ज्यादा के परमाणु हादसों का मुआवजा होगा कवरअंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बोले पीएम मोदी- कर की लूट मची थी, हमने सुधार किएShare Buyback: IT कंपनियों क्यों करती हैं बायबैक? मार्केट पर क्या होता है असर, निवेशकों की टैक्स देनदारी भी समझेंजगुआर लैंड रोवर पर साइबर हमले से टाटा मोटर्स को बड़ा झटका, शेयर 4% लुढ़का; आखिर क्या है मामला ?25% तक रिटर्न देने को तैयार ये 5 Sugar Stocks, चार्ट में ब्रेकआउट से मुनाफे की उम्मीदJinkushal Industries IPO: अप्लाई करने के लिए खुला, ग्रे मार्केट में अच्छी मांग; कई बड़ी कंपनियों ने लगाया है पैसासोने की कीमतों में नरमी, चांदी सुस्त शुरुआत के बाद सुधरी; चेक करें MCX पर आज का भावडिजिटल बाजार में बवाल! वित्त समिति ने सरकार से मांगी कार्रवाई रिपोर्टकेंद्र से गेहूं का 140 प्रतिशत अधिक स्टॉक रखने का अनुरोध

केंद्र सरकार ने राज्यों को एडवांस टैक्स का हिस्सा जारी किया

कर हस्तांरण के राज्य-वार आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक ₹31,000 करोड़, उसके बाद मध्य प्रदेश को ₹13,987 करोड़ और यूपी को ₹13,404 करोड़ जारी किए गए थे।

Last Updated- October 10, 2024 | 11:03 PM IST
Finance Ministry

सरकार ने गुरुवार को राज्यों को आगामी त्योहारों और पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए 89,086.50 करोड़ रुपये की अग्रिम किस्त सहित कर हिस्से के हस्तांतरण की मद में 1.78 लाख करोड़ रुपये जारी किए। यह जानकारी वित्त मंत्रालय की बयान में दी गई।

वित्त मंत्रालय ने बयान में बताया, ‘इसमें अक्टूबर 2024 की नियमित किस्त के अतिरिक्त एक अग्रिम किस्त शामिल है… यह किस्त आगामी त्योहारी सत्र के मद्देनजर जारी की गई है और इससे वे विकास/ कल्याण संबंधित व्यय को धन मुहैया करा सकते हैं।’

कर हस्तांरण के राज्य-वार आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक 31,000 करोड़ रुपये, उसके बाद मध्य प्रदेश को 13,987 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को 13,404 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।

मानदंडों के अनुसार बांटे गए कर पूल की राशि को 14 सालाना किस्तों में दिया जाता है : इसमें 11 महीनों में 11 किस्तें और मार्च में तीन किस्तें दी जाती हैं। केंद्रीय बजट के वित्त वर्ष 2024-25 के अनुसार सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्रीय करों में से राज्यों को 32.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का अनुमान जताया है जबकि 15वें वित्त आयोग ने 41 प्रतिशत की सिफारिश की है।

केंद्र के उपकर और अधिभार लगाए जाने से राज्यों की हिस्सेदारी कम होती है। दरअसल केंद्र सरकार राज्यों के साथ उपकर और अधिभार को साझा नहीं करती है। इसलिए राज्य अक्सर शिकायत करते हैं कि उन्हें वित्त आयोग की सिफारिशों की तुलना में करों में कम हिस्सेदारी दी जा रही है।

First Published - October 10, 2024 | 10:49 PM IST

संबंधित पोस्ट