सरकार ने गुरुवार को राज्यों को आगामी त्योहारों और पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए 89,086.50 करोड़ रुपये की अग्रिम किस्त सहित कर हिस्से के हस्तांतरण की मद में 1.78 लाख करोड़ रुपये जारी किए। यह जानकारी वित्त मंत्रालय की बयान में दी गई।
वित्त मंत्रालय ने बयान में बताया, ‘इसमें अक्टूबर 2024 की नियमित किस्त के अतिरिक्त एक अग्रिम किस्त शामिल है… यह किस्त आगामी त्योहारी सत्र के मद्देनजर जारी की गई है और इससे वे विकास/ कल्याण संबंधित व्यय को धन मुहैया करा सकते हैं।’
कर हस्तांरण के राज्य-वार आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक 31,000 करोड़ रुपये, उसके बाद मध्य प्रदेश को 13,987 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को 13,404 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।
मानदंडों के अनुसार बांटे गए कर पूल की राशि को 14 सालाना किस्तों में दिया जाता है : इसमें 11 महीनों में 11 किस्तें और मार्च में तीन किस्तें दी जाती हैं। केंद्रीय बजट के वित्त वर्ष 2024-25 के अनुसार सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्रीय करों में से राज्यों को 32.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का अनुमान जताया है जबकि 15वें वित्त आयोग ने 41 प्रतिशत की सिफारिश की है।
केंद्र के उपकर और अधिभार लगाए जाने से राज्यों की हिस्सेदारी कम होती है। दरअसल केंद्र सरकार राज्यों के साथ उपकर और अधिभार को साझा नहीं करती है। इसलिए राज्य अक्सर शिकायत करते हैं कि उन्हें वित्त आयोग की सिफारिशों की तुलना में करों में कम हिस्सेदारी दी जा रही है।