facebookmetapixel
ITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, संकट गहराया26% तक चढ़ने को तैयार Adani Green, Suzlon समेत ये 5 Energy Stocks, टेक्निकल चार्ट पर दिख रहा ब्रेकआउटसोना ₹1.1 लाख के पार, चांदी 13 साल के हाई पर: निवेशकों के लिए क्या हैं इसके मायनेUP में बड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर! 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट्स को सिर्फ 15 दिन में मिलेगी जमीनMiniratna PSU ने डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट तय की, जानिए कब और कितनी रकम मिलेगीJane Street vs SEBI: SAT ने जेन स्ट्रीट की अपील स्वीकार की, अगली सुनवाई 18 नवंबर कोVice President Elections: पीएम मोदी और राजनाथ सिंह ने डाला वोट, देश को आज ही मिलेगा नया उप राष्ट्रपतिदिवाली शॉपिंग से पहले जान लें नो-कॉस्ट EMI में छिपा है बड़ा राज

पुर्जों का स्थानीय निर्माण बढ़ाएगी Volkswagen India

इस साल की दूसरी तिमाही के दौरान उद्योग में अन्य कंपनियों की ही तरह फोक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया को पुर्जों की वैश्विक समस्या के कारण आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ा है।

Last Updated- August 24, 2023 | 11:28 PM IST
Volkswagen

फोक्सवैगन इंडिया की नजर अगले दो साल के दौरान भारतीय यात्री वाहन बाजार में तीन प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने पर है, इसलिए वह अपने दो प्रमुख मॉडल – वर्टस (सिडैन) और टाइगन (एसयूवी) के लिए पुर्जों के स्थानीय निर्माण को मौजूदा 92 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत कर रही है। वर्तमान में कंपनी के पास 2.4 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है।

स्थानीय निर्माण की अपनी योजनाओं के बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए फोक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के ब्रांड निदेशक आशीष गुप्ता ने कहा कि हमारी कारें पहले ही 90 प्रतिशत तक स्थानीय रूप से निर्मित हैं, हालांकि हमारे वर्चुस और टैगन मॉडलों के लिए यह लक्ष्य लगभग 95 प्रतिशत का है, जिन्हें भारत के हमारे चाकण (पुणे) संयंत्र में असेंबल और उत्पादित किया जाता है।

इसलिए पहले से ही बड़े स्तर पर स्थानीय निर्माण हो रहा है तथा इस पर ध्यान भी केंद्रित है। फोक्सवैगन इंडिया के मार्केटिंग और पीआर प्रमुख एबे थॉमस ने कहा कि अगले डेढ़ से दो साल के दौरान बाजार हिस्सेदारी निश्चित रूप से कम से कम तीन प्रतिशत तक बढ़ जाएगी, जो देश में सालाना तकरीबन 37 लाख से 38 लाख तक कार बिक्री के मद्देनजर वास्तव में बड़ी है।

इस साल की दूसरी तिमाही के दौरान उद्योग में अन्य कंपनियों की ही तरह फोक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया को पुर्जों की वैश्विक समस्या के कारण आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ा है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष के उत्तरार्ध में परिचालन सुचारु हो जाएगा।

First Published - August 24, 2023 | 11:12 PM IST

संबंधित पोस्ट