एक असामान्य सौदे के तहत वन97 कम्युनिकेशंस के संस्थापक व सीईओ विजय शेखर शर्मा एंटफिन (नीदरलैंड्स) होल्डिंग बी वी से पेटीएम (Paytm) की 10.3 फीसदी हिस्सेदारी खरीद रहे हैं और इस सौदे में कोई नकदी शामिल नहीं है। इस खरीद के बाद शर्मा इस कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक बन जाएंगे।
शर्मा इस हिस्सेदारी का अधिग्रहण अपनी 100 फीसदी स्वामित्व वाली विदेशी इकाई रेजिलिएंट ऐसेट मैनेजमेंट के जरिए करेंगे। इस करार से पेटीएम में शर्मा की शेयरधारिता 19.42 फीसदी हो जाएगी, जो उन्हें कंपनी का सबसे बड़ा शेयरधारक बना देगा। इसकी तुलना में एंटफिन की शेयरधारिता घटकर 13.5 फीसदी रह जाएगी। अभी एंटफिन के पास पेटीएम की 23.79 फीसदी हिस्सेदारी है।
इस लेनदेन की घोषणा के बाद बीएसई पर कंपनी का शेयर 11.57 फीसदी उछलकर 887.5 रुपये के उच्चस्तर को छू गया। शेयर ने 16 जून, 2023 को 52 हफ्ते के उच्चस्तर 915 रुपये को छुआ था।
शर्मा की तरफ से अधिग्रहीत की जाने वाली हिस्सेदारी की कीमत 4 अगस्त, 2023 के बंद भाव के आधार पर 62.8 करोड़ रुपये बैठती है। यह बताता है कि एंटफिन, शर्मा की विदेशी इकाई को फिनटेक दिग्गज के 6.5 करोड़ शेयर हस्तांतरित करेगी। हालांकि शर्मा इस लेनदेन के लिए एंटपिन को कोई भुगतान नहीं करेंगे।
एंटफिन को रेजिलिएंट वैकल्पिक परिवर्तनीय ऋणपत्र (ओसीडी) जारी करेगी ताकि उसकी 10.3 फीसदी हिस्सदारी की आर्थिक कीमत बनी रहे। कंपनी ने नियामकीय जानकारी में सोमवार को कहा, इस लिहाज से इस अधिग्रहण पर नकदी का भुगतान नहीं किया जाएगा, न ही शर्मा प्रत्यक्ष या अन्य जरिये से गिरवी रखेंगे, गारंटी देंगे या अन्य किसी तरह का आश्वासन देंगे।
यह सौदा असामान्य है क्योंकि प्रवर्तक को मतदान का अधिकार मिलेगा जबकि एंटफिन को आर्थिक लाभ होगा। इसके साथ ही शर्मा ने अपने बोर्ड में चीन के समर्थक को लेकर परेशानी दूर कर दी है, जो बैंकिंग लाइसेंस के लिए उसका मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
अधिग्रहण चीन की कंपनी होने के तमगे से छुटकारा पाने का तरीका
इनगवर्न रिसर्च के संस्थापक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, यह अधिग्रहण चीन की कंपनी होने के तमगे से छुटकारा पाने का तरीका हो सकता है। हालांकि सकारात्मक चीज यह है कि विजय शेखर शर्मा कंपनी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता में इजाफा कर रहे हैं। दूसरा, वित्तीय निवेशक एंटफिन की तरफ से कम से कम 10.3 फीसदी हिस्सेदारी की बिकवाली को लेकर लटकी तलवार हट जाएगी।
इस सौदे पर एक सूत्र ने कहा, कर्ज के तहत तय रकम लेनदारों को तय अवधि में चुकाना होता है। यहां शर्मा पर किसी तरह का दायित्व नहीं है, वह सिर्फ इसे आगे बढ़ा देंगे। साथ ही पेटीएम इस सौदे से पूरी तरह अछूती रह जाएगी। कुल मिलाकर न तो विजय शेखर और न ही पेटीएम ने किसी कर्ज की परिकल्पना की है, इसके अतिरिक्त इस अधिग्रहण से रेजिलिएंट को 10.3 फीसदी स्वामित्व और वोटिंग अधिकार मिल जाएगा।
यह लेनदेन पेटीएम के प्रबंधन में बदलाव नहीं करेगा और शर्मा कंपनी के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी बने रहेंगे। इसके अलावा पेटीएम के बोर्ड में एंटफिन का कोई नॉमिनी भी नहीं होगा।
शर्मा ने कहा, वास्तव में मेड इन इंडिया वित्तीय नवोन्मेष के सही चैंपियन के तौर पर पेटीएम की भूमिका और मोबाइल पेमेंट में क्रांति लाने पर हमें गर्व है। साथ ही यह देश में औपचारिक वित्तीय सेवा समावेशन में योगदान कर रहा है। स्वामित्व के हस्तांतरण की इस घोषणा के समय पिछले कुछ वर्षों में मिले एंट के समर्थन व साझेदारी पर उनका आभार जताता हूं।
भारत में एकमात्र सूचीबद्ध पेमेंट फिनटेक कंपनी ने अपनी पहली तिमाही के नतीजे में परिचालन राजस्व में सालाना आधार पर 39 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जो 2,342 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
पेमेंट से कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 1,414 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, वहीं वित्तीय सेवाओं से राजस्व सालाना आधार पर 93 फीसदी की उछाल के साथ 522 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी ने अपना नुकसान घटाकर 358.4 करोड़ रुपये पर ला दिया है। पिछले साल कंपनी का नुकसान 645.4 करोड़ रुपये रहा था। पेटीएम ने नवंबर 2021 में आईपीओ पेश कर 1,955 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 18,300 करोड़ रुपये जुटाए थे।