facebookmetapixel
MCap: TCS पर भारी दबाव, Reliance और Infosys सहित 10 कंपनियों के मार्केट कैप में गिरावटAadhaar Update: 1 अक्टूबर से आधार में बदलाव करना पड़ेगा महंगा, समय पर कर लें ये सुधारAir India Express PayDay Sale: दिवाली धमाका! एयर इंडिया एक्सप्रेस दे रही फ्लाइट टिकट सिर्फ ₹1200 सेVijay Rally Stampede: CM स्टालिन ने पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने का किया ऐलानVijay Rally Stampede: तमिलनाडु में एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 36 लोगों की मौत, कई घायलPowergrid ने बिजली आपूर्ति मजबूत करने के लिए 705 करोड़ रुपये के दो बड़े प्रोजेक्ट को दी मंजूरीन्यूयॉर्क में ब्रिक्स देशों ने व्यापार पर टैरिफ पाबंदियों को बताया गलत, संयुक्त बयान में आतंकवाद की भी निंदाPM मोदी ने ओडिशा से ‘स्वदेशी’ BSNL 4G किया लॉन्च, 97,500 से ज्यादा टावरों का किया उद्घाटनUNGA में एस जयशंकर ने ब्रिक्स मंत्रियों के साथ की बैठक, वैश्विक व्यापार और शांति को लेकर हुई चर्चाUpcoming IPOs next week: अगले हफ्ते मार्केट में IPO और लिस्टिंग की बौछार, निवेशकों के लिए खुलेंगे अवसर

महिलाओं की बहुत कम हिस्सेदारी

वैश्विक स्तर पर यह औसत 20 प्रतिशत है

Last Updated- March 08, 2023 | 12:20 PM IST
Woman

वैश्विक स्तर पर निवेश प्रबंधन के क्षेत्र में एक मानक समझी जाने वाली योग्यता चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट (सीएफए) परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी भारत में मात्र 13 प्रतिशत है। वैश्विक स्तर पर यह औसत 20 प्रतिशत है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले इस संबंध में पड़ताल करने की कोशिश की जिसके जवाब में सीएफए संस्थान ने ये तुलनात्मक आंकड़े जारी किए हैं।

निचले स्तरों पर उम्मीदवारी की बात करें तो यह अंतर थोड़ा कम नजर आता है। सीएफए लेवल 1 के लिए जितने उम्मीदवार होते हैं उनमें महिलाओं की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत होती है। सीएफए लेवल 3 परीक्षा तक यह हिस्सेदारी 6 प्रतिशत अंक कम होकर 21 प्रतिशत रह जाती है। इसके उलट पुरुषों की हिस्सेदारी 73 प्रतिशत से बढ़कर 79 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।

सीएफए लेवल 3 परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों में करीब 22 प्रतिशत महिलाएं होती हैं। इससे कालांतर में विविधता के मामले में भारत का स्तर वैश्विक मानकों के करीब पहुंचना चाहिए। हालांकि सभी सीएफए का अंतिम लेवल उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं। चार्टर उन लोगों को दिया जाता है जो परीक्षा पास करते हैं और 4,000 घंटे का आवश्यक कार्य अनुभव भी प्राप्त करते हैं। चार्टर धारक महिलाओं की हिस्सेदारी घट कर कुल संख्या का दसवां हिस्सा रह जाती है। दूसरी तरफ, पुरुषों की हिस्सेदारी करीब 90 प्रतिशत हो जाती है।

सीएफए इंस्टीट्यूट इंडिया की प्रमुख आरती पोरवाल ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में सीएफए के करीब 1.70 लाख सदस्य हैं। भारत में 3,500 सदस्य हैं। कंपनियों में ऊंचे स्तरों पर वेतन में अंतर महिला-पुरुषों के इस असंतुलित अनुपात का एक कारण है। पोरवाल के अनुसार इसके अलावा कई महिलाएं दूसरे कारणों जैसे विवाह, विवाह के बाद स्थान परिवर्तन, मातृत्व आदि कारणों से बीच में पढ़ाई रोक देती हैं। सीएफए इंस्टीट्यूट महिलाओं के लिए मेंटरशिप प्रोग्राम के जरिये इस असंतुलन को पाटने का प्रयास कर रहा है। इंस्टीट्यूट विविधता, समानता और समावेश बढ़ाने के लिए जरूरी नीतियों का भी सहारा ले रहा है। इन उपायों से महिलाओं की भागीदारी और कंपनियों में ऊंचे स्तरों पर वेतन में असमानता जैसे मुद्दों के समाधान में मदद मिल सकती है। पोरवाल ने कहा, ‘खासकर ऊंचे पदों पर यह समस्या अधिक दिखती है।‘

दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में 15 वर्ष से उम्र से आर्थिक रूप से सक्रिय महिलाओं की संख्या कम है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2021 में भारत में श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी दर 23 प्रतिशत थी। वैश्विक स्तर पर यह दर 47 प्रतिशत थी। ब्राजील (52 प्रतिशत), रूस (55.3 प्रतिशत) और चीन (61.3 प्रतिशत) में यह दर अधिक रही। अधिकांश विकसित देशों में भी श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी दर तुलनात्मक रूप से अधिक है। अमेरिका और ब्रिटेन में यह दर क्रमशः 55.6 प्रतिशत और 58.3 प्रतिशत रही है।

2014 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के ‘वीमंस लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन इन इंडियाः व्हाई इज इट सो लो’ शीर्षक नाम से प्रकाशित एक नोट में कहा गया कि महिलाओं की भागीदारी कम होने के पीछे कई कारण हैं। इनमें परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने पर महिलाओं को घरों में रहने को अधिक तरजीह दिए जाने सहित कई कारण जिम्मेदार हैं। इस रिपोर्ट के लेखक शेर वेरिक ने कहा, गिरते रुझानों पर चर्चा ज्यादातर चार प्रमुख बिंदुओं- युवा महिलाओं में शैक्षणिक संस्थानों में अधिक नामांकन, रोजगार के अवसरों का अभाव, श्रम बल में भागीदार पर परिवार की आय का प्रभाव और मीजरमेंट – के इर्द-गिर्द घूमती है।

First Published - March 8, 2023 | 12:20 PM IST

संबंधित पोस्ट