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असुरक्षित ऋणों के डिफॉल्ट होने का बढ़ रहा है जोखिम: UBS

रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच से ज्यादा व्यक्तिगत ऋणों वाले कर्जदारों की भागीदारी 2018 के 1 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2023 में 7.7 प्रतिशत हो गई।

Last Updated- October 13, 2023 | 9:44 PM IST
Loan

स्विटजरलैंड की ब्रोकरेज फर्म यूबीएस (Brokerage Firm UBS ) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय बैंकों को असुरक्षित ऋणों (Unsecured Loans) से चूक के बढ़ते जोखिम का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बकाया कर्जदारों को उधारी की भागीदारी वित्त वर्ष 2019 के 12 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 23 प्रतिशत पर पहुंच गई।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि असुरक्षित ऋणों से उद्योग का ऋण नुकसान वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 50-200 आधार अंक हो जाएगा। हमने वित्त वर्ष 2025 में भारतीय बैंकों के लिए अपने ऋण लागत अनुमान को 5-10 आधार अंक तक बढ़ा दिया है।’

डिफॉल्ट यानी ऋण चूक के बढ़ते जोखिम का प्रभाव मुख्य तौर पर गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर ज्यादा पड़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच से ज्यादा व्यक्तिगत ऋणों वाले कर्जदारों की भागीदारी 2018 के 1 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2023 में 7.7 प्रतिशत हो गई।

इसके अलावा, कमजोर क्रेडिट प्रोफाइल वाले कर्जदारों को नए व्यक्तिगत ऋण वितरण से इस क्षेत्र पर दबाव बढ़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनबीएफसी और सरकार स्वामित्व वाले उद्यम (एसओई) बैंकों में प्राइवेट बैंकों के मुकाबले कमजोर पर्सनल लोन (पीएल) कर्जदारों की ज्यादा भागीदारी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि असुरक्षित ऋण कुल ऋणों के प्रतिशत के तौर पर, एसबीआई के लिए बढ़कर 11.1 प्रतिशत, आईसीआईसीआई के लिए 12.8, ऐक्सिस के लिए 10.7 प्रतिशत हो गए, लेकिन एचडीएफसी बैंक के लिए ऐसे ऋण घटकर 11.9 प्रतिशत रह गए।

यूबीएस ने कहा है कि निफ्टी बैंक का मूल्यांकन भले ही सस्ता दिख रहा है, लेकिन रेटिंग में बदलाव की गुंजाइश सीमित है। दूसरी तरफ, यूबीएस को आय पर दबाव पड़ने का अनुमान है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘संभावित शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) दबाव और ऋण लागत में वृद्धि की वजह से आय में कमी के अपने अनुमानों को ध्यान में रखते हुए हमने ईपीएस 2-5 प्रतिशत (वित्त वर्ष 2025) तक घटा दी है। खासकर बढ़ती ऋण लागत की वजह से ईपीएस में कटौती की गई है।’

ब्रोकरेज ने एसबीआई के लिए रेटिंग ‘खरीदें’ से घटाकर ‘बेचें’ और ऐक्सिस बैंक के लिए ‘खरीदें’ से बदलकर ‘तटस्थ रहें’ कर दी है। एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक उसके पसंदीदा शेयरों में शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई और ऐक्सिस बैंक के परिसंपत्ति पर प्रतिफल (आरओए) अनुपात उनके बड़े प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले ऋण लागत बदलावों की वजह से ज्यादा दबाव में हैं।

ब्रोकरेज ने एसबीआई के शेयर का कीमत लक्ष्य 740 रुपये से घटाकर 530 और ऐक्सिस बैंक का 1,150 रुपये से घटाकर 1,100 रुपये कर दिया है।

वहीं उसने कोटक महिंद्रा बैंक के लिए ‘बेचें’ रेटिंग दी है और कीमत लक्ष्य 2,050 से घटाकर 1,875 रुपये कर दिया है। निफ्टी बैंक सूचकांक शुक्रवार को 311 अंक या 0.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 44,288 पर बंद हुआ।

First Published - October 13, 2023 | 9:44 PM IST

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