वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी की चुनौतियों और पूरे विश्व में हो रहे बदलाव के बावजूद भारत में सुधार की रफ्तार बनी हुई है।
फिक्की और अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच की ओर से आयोजित गोलमेज सम्मेलन ‘इन्वेस्टिंग इन द इंडिया डिकेड’ में सीतारमण ने कहा, ‘सरकार सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत को और मजबूत और गतिशील बनाया जा सके और सहयोग व निवेश का भरपूर अवसर मिल सके।’
सीतारमण इस समय विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वसंत ऋतु में होने वाली बैठक में हिस्सा लेने अमेरिका में हैं।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलन द्वारा आयोजित गोलमेज कार्यक्रम ‘मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक (एमडीबी) इवॉल्यूशनः बिल्डिंग शेयरहोल्डर कंसेंसस’ में हिस्सा लेते हुए सीतारमण ने एमबीडी में बदलाव को लेकर दो मूल मसलों, वैश्विक विकास की चुनौतियों की परिभाषा पर आम राय बनाने और विश्व बैंक समूह की परिचालन और वित्तीय क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘विश्व बैंक को मौजूदा ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाते हुए संस्थान को मकसद के लिए सही बनाने की कवायद करने की जरूरत है, जिससे कि एसडीजी के लक्ष्य हासिल किए जा सकें।’
सीतारमण ने सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अलजदान के साथ बैठक में वैश्विक ऋण संकट और बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। बैठक के बाद अलजादान ने ट्वीट में कहा, ‘निर्मला सीतारमण और मैंने जी20 एजेंडा और प्रगति पर चर्चा की।’ वित्त मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘अन्य बातों के अलावा दोनों नेताओं ने विश्व बैंक के विकास की रूपरेखा और जी20 की भारत की अध्यक्षता में बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने पर गठित विशेषज्ञ समूह पर चर्चा की।’ मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने वैश्विक महंगाई दर के मुद्दों पर चर्चा की। इसमें जो कदम उठाए गए हैं उनके विकासशील और कम आय वाले देशों पर प्रभाव का मुद्दा भी शामिल है। इसके अलावा बैठक में बढ़ते वैश्विक ऋण संकट से निपटने और सामान्य रूपरेखा के कार्यान्वयन में सुधार की तत्काल जरूरत पर भी जोर दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ के साथ बैठक में वित्त मंत्री ने ऋण संकट और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा कि सीतारमण ने गोपीनाथ को वैश्विक सॉवरिन ऋण गोलमेज में भारत के काम में तेजी लाने के लिए बधाई दी और ऋण से संबंधित संवेदनशीलताओं को दूर करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने वित्तीय क्षेत्र के दबाव, बढ़ती वास्तविक ब्याज दरों, बढ़े कर्ज, महंगाई दर, भू-राजनीतिक स्थिति और चीन में लड़खड़ाती वृद्धि सहित अर्थव्यवस्था के प्रमुख नकारात्मक जोखिमों पर आईएमएफ की चिंताओं को संज्ञान में लिया। मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, गोपीनाथ ने मंत्री को रचनात्मक चर्चाओं के लिए बधाई दी। इस बातचीत की वजह से ही फरवरी में क्रिप्टो संपत्तियों पर बनी सहमति को आगे बढ़ाया जा सका है। फरवरी में क्रिप्टो संपत्तियों पर वैश्विक समन्वित नीतिगत प्रतिक्रिया पर सहमति बनी थी।