भारत और पांच सदस्यीय दक्षिण अफ्रीकी सीमा शुल्क संघ (SACU) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बातचीत आम चुनाव समाप्त होने के बाद हो सकती है।
भारत में नई सरकार के जून में पदभार संभालने की उम्मीद है। एसएसीयू के पांच सदस्य देश दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना, लेसोटो और एस्वाटिनी हैं।
जानकार व्यक्ति ने बताया कि लोक सभा चुनाव के बाद भारत की एसएसीयू देशों से व्यापार वार्ता के लिए संपर्क स्थापित करने की योजना है। बीते साल संदर्भ की शर्तों पर बातचीत हुई थी लेकिन इस सिलसिले में अधिक प्रगति नहीं हो पाई।
एसएसीयू देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता होने से भारत को अफ्रीकी देशों तक अधिक पहुंच हो पाएगी। दरअसल भारत सरकार अपने निर्यात उत्पादों और इसके नए गंतव्यों के विविधीकरण के लिए प्रयास कर रही है। यह विविधीकरण अब और महत्त्वपूर्ण हो गया है।
भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के देशों, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ करीब एक दशक पूर्व मु्क्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद भारत ने पश्चिम एशिया, यूरोप के देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए।
भारत ने 2021 के बाद से चार मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें तीन प्रमुख समझौते संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ऑस्ट्रेलिया और चार सदस्यीय यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ हुए हैं।
भारत के कुल निर्यात में एसएसीयू देशों का वित्त वर्ष 23 में करीब दो फीसदी हिस्सा रहा और कुल 8.91 अरब डॉलर का निर्यात हुआ इसमें प्रमुख भूमिका दक्षिण अफ्रीका ने निभाई।
एसएसीयू के पांच देशों में 95 प्रतिशत सामान का निर्यात दक्षिण अफ्रीका को हुआ। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका वाहन के निर्यात का गंतव्य है। एसएसीयू से व्यापार कुछ हद तक संतुलित है। वित्त वर्ष 23 में 8.91 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जबकि आयात 10.9 अरब डॉलर का हुआ। हालांकि आयात के मामले में भी प्रमुख तौर पर दक्षिण अफ्रीका पर 95 फीसदी निर्भरता है। प्रमुख तौर पर कोयला, लौह अयस्क और गैर औद्योगिक हीरे का आयात हुआ।
विचाराधीन अन्य एफटीए
ओमान से व्यापार समझौता अंतिम रूप में पहुंच चुका है और इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी का इंतजार है। ब्रिटेन से समझौता करीब 99 फीसदी तय हो चुका है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नैशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) सरकार की नजर तीसरे कार्यकाल पर है। इस सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक इस समझौते को अंतिम रूप देना है।
सरकार यूरोपियन यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रही है। सरकार दक्षिण अमेरिकी देशों जैसे पेरू के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करने के लिए भी प्रयास कर रही है।