ताजपुर बंदरगाह विकसित करने के लिए अदाणी समूह पश्चिम बंगाल सरकार से ठेका आंवटन पत्र (एलओए) का इंतजार कर रहा है, जबकि राज्य केंद्रीय गृह मंत्रालय से हासिल सशर्त मंजूरी के संबंध में स्पष्टता चाह रहा है।
पश्चिम बंगाल की उद्योग मंत्री शशि पांजा ने कहा कि पिछले साल एपीएसईजेड (अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन) को अंतरिम आशय पत्र (एलओआई) दिया गया था।
उन्होंने कहा कि इसके बाद केंद्र सरकार के जहाजरानी, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से कुछ मंजूरी लेने की जरूरत है। गृह मंत्रालय ने सशर्त सुरक्षा मंजूरी दे दी है और कुछ टिप्पणियां की हैं।
उन्होंने कहा कि ये कुछ ऐसी बातें हैं, जिन के संबंध में इसमें शामिल पक्ष – राज्य सरकार और समूह (एपीएसईजेड) विचार कर रहे हैं। इन टिप्पणियों के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण मांगे गए हैं और इसलिए संपर्क जारी है।
अदाणी समूह के सूत्रों ने कहा कि वह सरकार से एलओए का इंतजार कर रहे हैं। राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि रियायती समझौते के लिए सभी मंजूरियां उपलब्ध होनी चाहिए।
9 नवंबर को विश्लेषकों के साथ आय परिणाम की बैठक के दौरान एपीएसईजेड के मुख्य कार्याधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी ने कहा था ‘पश्चिम बंगाल ताजपुर बंदरगाह के संबंध में हम अब भी एलओए का इंतजार कर रहे हैं।
हमें आशय पत्र तो मिल गया है। हम एलओए के आने का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा था कि यह मिलने के बाद हमें वहां किसी तरह का निर्माण शुरू करने में 18 से 24 महीने लगेंगे क्योंकि हमें ईसी, पर्यावरण मंजूरी के साथ-साथ वहां जमीनी काम भी करना होगा।
परियोजना के संबंध में स्थिति साफ करने वाली पांजा की ये टिप्पणियां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पिछले सप्ताह बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) में हैरानी पैदा करने के कुछ दिनों बाद आईं हैं।
जब उन्होंने निवेशकों से कहा था कि ताजपुर में प्रस्तावित गहरे समुद्री बंदरगाह के लिए आप निविदा में भाग ले सकते हैं। इससे करीब तीन अरब डॉलर यानी 25,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा।
चूंकि प्रशासन के प्रमुख अधिकारी इस बात से अनजान थे, इसलिए इस परियोजना के बारे में अटकलें तेज हो गईं। इसे पश्चिम बंगाल के लिए खेल का रुख बदलने वाला कहा गया।
इस निवेशक शिखर सम्मेलन में अदाणी अनुपस्थित थे, जिससे इस मामले को और बढ़ावा मिला। हालांकि पांजा ने कहा कि उन्हें आमंत्रित किया गया था।
गहरे समुद्री बंदरगाह का महत्त्व
12 अक्टूबर, 2022 को करण अदाणी को दुर्गा पूजा के बाद वार्षिक कार्यक्रम विजय सम्मिलन में गहरे समुद्र की परियोजना के लिए आशय पत्र (एलओआई) सौंपा गया था।
इस बंदरगाह को रूपरेखा, निर्माण, परिचालन और स्थानांतरण वाले मॉडल के आधार पर विकसित किया जाना है। इसमें 18 किमी चैनल के साथ 12.1 मीटर का ड्राफ्ट होने की उम्मीद जताई जा रही थी।
एक अधिकारी ने कहा कि यह परियोजना कोलकाता और हल्दिया की मौजूदा बंदरगाह सुविधाओं पर कम ड्राफ्ट के मसले को हल करने के मामले में पश्चिम बंगाल के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।