तीन साल में तेजी का अपना सबसे लंबा सिलसिला दर्ज करने के बाद सोमवार को भारतीय इक्विटी बाजार मुनाफावसूली का शिकार हुआ। सोमवार को Sensex 169 अंक या 0.2 प्रतिशत गिरकर 71,315 पर बंद हुआ। निफ्टी 38 अंक या 0.2 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 21,419 पर बंद हुआ।
सोमवार को निवेशकों ने सतर्कता बरती और सिर्फ ऐसे शेयरों पर जोर दिया जो मूल्य के लिहाज से उपयुक्त हों। भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC Stock) का शेयर 12.5 प्रतिशत चढ़ गया और आखिर में 879 पर बंद हुआ।
स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘आईआरसीटीसी ऐसा एकमात्र रेलवे से जुड़ा शेयर था जो कमजोर प्रदर्शन कर रहा था और मौजूदा बाजार हालात में लोग इस तरह के शेयर तलाश रहे हैं जिनकी पिटाई हुई हो।’
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सोमवार की गिरावट बाजार में तेजी पर विराम है तो बालिगा ने कहा कि आपको इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या यह गिरावट कायम रहेगी या नहीं।
बालिगा ने कहा, ‘हाल के समय में, हमने देखा है कि बाजारों में एक या दो कारोबारी सत्रों से गिरावट आती है और फिर तेजी दिखती है। मूल्यांकन महंगा हो गया है, खासकर स्मॉलकैप और मिडकैप में। लेकिन मौजूदा स्तरों पर बाजार को आगे बढ़ने के लिए किसी घटनाक्रम की आवश्यकता नहीं है, तरलता बाजार को आगे बढ़ाती है। मूल्यांकन के लिहाज से यह खतरनाक दायरे में पहुंच गया है, लेकिन अभी भी तेजी आ सकती है।’
बलरामपुर चीनी, द्वारिकेश शुगर्स और श्री रेणुका शुगर्स में 4 से 5 प्रतिशत तेजी आई, क्योंकि सरकार ने एथनॉल उत्पादन के लिए 17 लाख टन तक की कमी की अनुमति दी है।
बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 358.8 लाख करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। वैश्विक दर परिदृश्य आसान होने, मजबूत वृहद आर्थिक आंकड़े, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और केंद्र में नीतिगत निरंतरता की उम्मीद में भारतीय इक्विटी बाजार में पिछले सात सप्ताहों के दौरान शानदार बढ़त दर्ज की गई।