भारतीय मसालों के निर्यात पर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों सरकारों को मसालों की गुणवत्ता जांचने का निर्देश दिया है।
नियमित नमूने लेने में मसाला बोर्ड और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के शुरुआती प्रयासों के बावजूद सरकारी निकायों से कोई स्पष्ट निर्णय नहीं मिलने के कारण इन मसालों की गुणवत्ता पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।
इन चिंताओं को दूर करने के लिए उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने स्थानीय तौर पर निर्मित सभी मसालों का गहन परीक्षण जरूरी कर दिया है। प्रदेश में 50 से अधिक मसाला उत्पादन इकाइयों के साथ इस निर्देश का उद्देश्य गुणवत्ता के सर्वोत्तम मानकों को सुनिश्चित करना है।
कुमार ने कहा, ‘आयुक्त ने सभी 13 जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को विभिन्न मसालों की गुणवत्ता जांचने के लिए मसाला विनिर्माण संयंत्रों पर नमूना लेने का निर्देश दिया है।’
मगर चिंता काफी बड़ी है क्योंकि एमडीएच और एवरेस्ट जैसी प्रमुख मसाला कंपनियों को विवाद का सामना करना पड़ रहा है।
हालिया रिपोर्ट ने चिंता और बढ़ा दी है, जिसमें कहा गया है कि भारत के आधे से अधिक मसाला निर्यात को संकट का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के मसाला उद्योग की प्रतिष्ठा धूमिल न हो इसके लिए तत्काल कड़ी कार्रवाई जरूरी है।