facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

Silver ETF की परिसंपत्तियां 5 हजार करोड़ रुपये के पार

देसी म्युचुअल फंडों के गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का एयूएम पिछले महीने पहली बार 31,000 करोड़ रुपये के पार निकल गया था।

Last Updated- April 29, 2024 | 10:42 PM IST
Silver ETF

म्यु चुअल फंडों के सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ETF) की चमक बढ़ रही है। यह चमक इन्हें पेश किए जाने के दो साल बाद नजर आई है। विभिन्न फंडों के आठ सिल्वर ईटीएफ की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (AUM) चांदी की कीमतों में तेजी के बीच अप्रैल में 5,000 करोड़ रुपये के पार निकल गईं।

देसी म्युचुअल फंडों के गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का एयूएम पिछले महीने पहली बार 31,000 करोड़ रुपये के पार निकल गया था।

सिल्वर ईटीएफ में निवेश कैलेंडर वर्ष 2024 की शुरुआत से ही उच्चस्तर पर रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मार्च 2024 की अवधि में सिल्वर ईटीएफ में 1,500 करोड़ रुपये का निवेश आया जबकि जनवरी से दिसंबर 23 के नौ महीनों में करीब 1,300 करोड़ रुपये का निवेश मिला था। 25 अप्रैल के एयूएम खुलासे के आधार पर अप्रैल में इनमें करीब 650 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ।

इसी तरह पिछले नौ महीनों में गोल्ड ईटीएफ में औसतन निवेश 550 करोड़ रुपये रहा है। इन दोनों बहुमूल्य धातुओं में म्युचुअल फंडों के जरिये आया निवेश इस कैलेंडर वर्ष में इनमें आई तीव्र उछाल के कारण है। इस साल के निचले स्तर से सोने और चांदी की देसी बाजार में कीमतें 17-17 फीसदी बढ़ी है। कीमतों में तेजी ने भूराजनीतिक संकट के दौरान सुरक्षित दांव के तौर पर सोने और चांदी की छवि चमका दी है।

एचएसबीसी सिक्योरिटीज में मुख्य बहुमूल्य धातु विश्लेषक जेम्स स्टील ने इस महीने एक नोट में कहा है कि अहम चुनावी साल में भूराजनीतिक तनाव के कारण वैश्विक अनिश्चितता बढ़ी है। अनिश्चित राजनीतिक विश्व में सोना काफी आकर्षक हो सकता है। भूराजनीतिक संकट को लेकर सोना काफी संवेदनशील होता है, खास तौर से सैन्य संघर्ष में। भूराजनीतिक जोखिम के खिलाफ बहुमूल्य धातुएं हेजिंग का अच्छा साधन है।

शेयर व बॉन्ड भूराजनीतिक जोखिम पर नकारात्मक प्रतिक्रिया जताते हैं। बड़े भूराजनीतिक संकट के समय सिर्फ सोना व चांदी ही स्थायी तौर पर सुरक्षित ठिकाने वाली परिसंपत्तियां होती हैं।

नतीजे बताते हैं कि विशाखित पोर्टफोलियो में बहुमूल्य धातुएं रखने से भूराजनीतिक जोखिम का असर कम हो जाता है। गहरे भूराजनीतिक संकट के माहौल में यह समझना आसान है कि आखिर सोना क्यों लोकप्रिय हो रहा है। हमारा मानना है कि सोने पर भूराजनीतिक जोखिम के असर को व्यापक तौर पर समझा जाता है।

दोनों ही बहुमूल्य धातुएं (खास तौर से सोना) वास्तविक दरों के प्रति काफी संवेदनशील होती हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से पहली दर कटौती को लेकर बदलती संभावना के बीच इस साल सोने और चांदी की कीमतों पर मोटे तौर पर अभी तक खास फर्क नहीं पड़ा है।

भूराजनीतिक तनाव में इजाफे से सुरक्षित परिसंपत्तियों को लेकर आकर्षण बढ़ जाता है। सकारात्मक वास्तविक दरों और केंद्रीय बैंक की नरम मांग को इनमें बढ़त पर नियंत्रण के तौर पर देखा जाता है।

गोल्डमैन सैक्स के धातु रणनीतिकार निकोलस स्नोडॉन ने 12 अप्रैल के नोट में कहा है कि सोने की पारंपरिक उचित कीमतों पर सामान्य उत्प्रेरकों (मसलन वास्तविक दरों, वृद्धि के अनुमान और डॉलर) का असर होता है। इनमें से कोई भी पारंपरिक कारक इस साल सोने की कीमतों में आई बढ़त और तेजी का रफ्तार के बारे में नहीं बताते।

First Published - April 29, 2024 | 10:32 PM IST

संबंधित पोस्ट