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उत्तराधिकारियों को झंझट से बचाइए, नॉमिनी बनाइए

डीमैट खातेदारों के मामले में भी यह समय सीमा बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दी गई है।

Last Updated- October 08, 2023 | 11:14 PM IST
demate account

म्युचुअल फंड यूनिट धारकों को नॉमिनी बनाने या न बनाने के लिए तीन महीने का वक्त और मिल गया है। अब उनके पास अपने फंड के फोलियो में नॉमिनी का नाम दर्ज कराने के लिए 31 दिसंबर तक का समय है। अगर किसी ने यह काम नहीं किया है तो उसे बिना देरी के इसे पूरा कर लेना चाहिए। यह समय सीमा महत्त्वपूर्ण है क्योंकि नामांकन होने की सूरत में यूनिटधारक के असामयिक निधन पर परिसंपत्तियों और लाभों का सहजता से हस्तातंतरण हो सकता है।

डीमैट खातेदारों के मामले में भी यह समय सीमा बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दी गई है। असल में नॉमिनेशन होने से नॉमिनी को यह सुविधा मिल जाती है कि वह यूनिटधारक की मृत्यु पर उसके नाम वाले यूनिट हासिल कर सकता है या उनको भुना सकता है।

नॉमिनी ना बनाने के नतीजे

अगर आप अपने म्युचुअल फंड निवेश के लिए किसी लाभार्थी को नामांकित करने में विफल रहते हैं तो कुछ लेनदेन पर रोक लगाई जा सकती है। पीपीएफएएस म्युचुअल फंड में मुख्य अनुपालन अधिकारी प्रिया हरियाणी कहती हैं, ‘अगर कोई निवेशक अपने फोलियो में नॉमिनी का नाम दर्ज नहीं कराता या उससे बाहर रहने का विकल्प नहीं चुनता है तो उसका फोलियो बंद हो जाएगा और निवेशक कुछ भी लेनदेन कर पाने में समर्थ नहीं होगा।’

हरियाणी कहती हैं कि यूनिट भुनाने, योजना बदलने, सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान या सिस्टेमैटिक विदड्राल प्लान जैसी लेनदेन प्रक्रिया पर असर पड़ेगा लेकिन यूनिटों की अतिरिक्त खरीद या सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान प्रभावित नहीं होंगे।

परिसंपत्ति हस्तातंरण में देरी

नॉमिनी के अभाव में निवेशक की मृत्यु के बाद म्युचुअल फंड यूनिटों का वैध उत्तराधिकारी को हस्तांतरण जटिल हो जाता है और इसमें देर भी लगती है। वित्तीय योजनाकार फर्म हम फौजी इनीशिएटिव्स में मुख्य कार्य अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल संजीव गोविला कहते हैं, ‘इसके लिए वैध दस्तावेज की जरूरत पड़ सकती है और रकम हासिल करने में देरी हो सकती है।’

कानूनी जटिलताएं: नॉमिनी न होने की सूरत में वैध उत्तराधिकारी किसी अदालत में वसीयत को लेकर कानूनी विवाद में उलझे हो सकते हैं जिससे कि निवेश पर वे अपना दावा कर सकें।

शेयरों और प्रतिभूतियों में नामांकन मुख्य रूप से इसलिए शुरू किया गया जिससे कि किसी शेयरधारी की मृत्यु होने पर उसके द्वारा नियुक्त नॉमिनी को उसकी परिसंपत्तियों का बिना किसी बाधा और झंझट के स्थानांतरण सुनिश्चित हो सके। इसका मकसद किसी भी तरह की ऐसी कानूनी जटिलताओं को टालना है जो मृतक शेयरधारी के वैध उत्तराधिकारियों के अधिकार के कारण पैदा हो सकती है। लूथरा ऐंड लूथरा लॉ ऑफिसेज इंडिया में पार्टनर हरीश कुमार कहते हैं, ‘किसी पंजीकृत शेयरधारक की मृत्यु के बाद उसके द्वारा वैध तरीके से नियुक्त नॉमिनी अपने नाम पर शेयरों या प्रतिभूतियों को हस्तांतरित करने का अधिकारी होता है।’

नॉमिनी न चुनने का विकल्प

जो लोग नॉमिनी नियुक्त नहीं करने के इच्छुक हैं, वे इस बारे में एक ऑप्ट आउट घोषणा पत्र दाखिल कर सकते हैं और अपने यूनिटों को फ्रीज होने से बचा सकते हैं। नॉमिनी न बनाने का विकल्प वे अपने ब्रोकरों या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए भी चुन सकते हैं। कैम्स या केफिनटेक के जरिए भी नामांकन अपडेट किया जा सकता है।

संयुक्त स्वामित्व की स्थिति

जहां संयुक्त होल्डिंग है उनमें सभी धारकों को अपना नॉमिनेशन अपडेट करने या ना करने के लिए अपने फोलियो का केवाईसी (नो योर कस्टमर) अनुपालन कराना होगा। इनक्रेड मनी के सीईओ विजय कप्पा कहते हैं, ‘अगर एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा संयुक्त रूप से यूनिट रखे गए हैं तो सभी संयुक्त यूनिटधारियों को संयुक्त रूप से किसी व्यक्ति को नॉमिनेट करना होगा जिससे उन सभी के निधन के बाद यूनिटों का अधिकार नामांकित को मिल जाए।’

यूनिटधारकों के असामयिक निधन की स्थिति में अपने उत्तराधिकारियों को परेशानी और असुविधा से बचाने के लिए नॉमिनी नियुक्त करना ज्यादा अक्लमंदी है।

जहां तक यह सवाल कि नॉमिनी किसे नियुक्त किया जा सकता है, इस बारे में गोविला कहते हैं, ‘ भारत में नॉमिनी की पात्रता की शर्तें मुख्य रूप से खून के रिश्ते, ट्रस्ट, संगठन नाबालिग, प्रवासी भारतीयों से जुड़ी हैं जो किसी खास वित्तीय योजना और उससे संबंधित नियमनों पर निर्भर करती है।’

भारत में रक्त के रिश्ते में जो भी व्यक्ति है, वह नॉमिनी हो सकता है। इसमें जीवन साथी, माता-पिता, सगे भाई बहन और बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा ट्रस्टों और पंजीकृत संगठनों को भी नॉमिनी नियुक्त किया जा सकता है। प्रवासी भारतीय अपने साथी प्रवासी को, निवासी भारतीय या ट्रस्ट को लाभार्थी के रूप में नॉमिनेट कर सकते हैं जो कि उस योजना की शर्तों पर निर्भर करेगा।

First Published - October 8, 2023 | 11:14 PM IST

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