संकटग्रस्त विमानन कंपनी स्पाइसजेट को विमान पट्टादाता कार्लाइल एयरो ग्रुप को तरजीह आवंटन के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से आंशिक राहत मिल सकती है। 23 मई को जारी एक अनौपचारिक निर्देश पत्र में बाजार नियामक ने कहा है कि इश्यू ऑफ कैपिटल ऐंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (आईसीडीआर) के तहत स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता नियुक्त करने संबंधी नियम कार्लाइल के आवंटन पर लागू नहीं होंगे।
हालांकि विमान पट्टादाता को आईसीडीआर मानदंडों के विनियम 167(2) के अंतर्गत प्रस्तावित इक्विटी शेयर जारी किए जाने पर छह महीने की लॉक-इन अवधि का पालन करना होगा। स्पाइसजेट पर कार्लाइल को किराया भुगतान करने की बकाया देनदारी है और तरजीही इक्विटी शेयर जारी करना किराया संबंधी दायित्वों को पूरा करने का साधन है।
सेबी ने कहा कि यह नकदी के बदले तरजीही शेयर जारी करने की राशि होगी, जो कंपनी पर बन रही मौद्रिक देयता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए इक्विटी शेयरों का प्रस्तावित निर्गम, जो विमान पट्टेदारों के लिए बकाया मौद्रिक दायित्वों की भरपाई करने का काम करेगा और इन पट्टेदारों को नए इक्विटी शेयरों के रूप में आवंटित किया जाएगा, वह आईसीडीआर विनियम 163(3) के प्रावधानों के तहत शामिल नहीं किया जाएगा।
इस राहत से स्पाइसजेट को स्टॉक एक्सचेंजों को किसी स्वतंत्र पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता द्वारा मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने से छूट मिल जाएगी। आम तौर पर यह होता है कि अगर शेयर बाजार मूल्यांकन के औचित्य से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो वे किसी अन्य मूल्यांकनकर्ता द्वारा भी मूल्यांकन करवा सकते हैं और कंपनी से और अधिक जानकारी मांग सकते हैं।
अनौपचारिक मार्गदर्शन के लिए 20 मार्च को सेबी को दिए एक पत्र में स्पाइसजेट ने कहा था कि तरजीही आवंटन लगभग 2.95 करोड़ डॉलर की उनकी मौजूदा बकाया पट्टा भुगतान देनदारियों के लिए होगा।