चालू वित्त वर्ष खत्म होने में अभी 3 महीने शेष हैं। भारतीय रेल की कमाई इस वित्त वर्ष के 9 महीने में ही वित्त वर्ष 2021-22 की कुल कमाई के पार पहुंच गई है। शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए रेल मंत्रालय ने कहा कि रेलवे ने इस वित्त वर्ष में अब तक 1.91 लाख करोड़ रुपये कमाई की है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘रेल मंत्रालय की अब तक की कमाई पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42,370 करोड़ रुपये ज्यादा है।’ केंद्रीय बजट के 2 सप्ताह पहले यह आंकड़े सामने आए हैं, जब रेलवे ने बजट आवंटन बढ़ाए जाने की मांग की है।
किस मद से कितनी कमाई हुई है, इसके सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन यह अनुमान है कि माल ढुलाई से 1.3 लाख करोड़ रुपये कमाई हुई है। वहीं यात्री किराये से करीब 55,000 करोड़ रुपये कमाई हुई है। शेष कमाई कोचिंग, पार्सल सेवाओं और अन्य प्राप्तियों से हुई है।
मंत्रालय ने 19 जनवरी तक 11,850 लाख टन कच्चे माल और वस्तुओं की ढुलाई की है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 8 प्रतिशत ज्यादा है। बहरहाल ढुलाई की दूरी बढ़ने और नए बने ज्यादा क्षमता वाले विशेषीकृत वैगनों से सरकार को पिछले साल की समान अवधि की तुलना में राजस्व में 17 प्रतिशत वृद्धि करने में मदद मिली है, भले ही माल ढुलाई में मामूली वृद्धि हुई है।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि शुद्ध टन किलोमीटर (एनटीकेएम), जिसका इस्तेमाल मालगाड़ी द्वारा तय की गई दूरी की गणना में होता है, पिछले 12 महीनों में 12 प्रतिशत बढ़ा है। इसी के अनुरूप प्रति एमटी राजस्व भी 101 करोड़ रुपये बढ़कर 108 करोड़ रुपये हो गया है।
रेलवे के माल ढुलाई बास्केट में कोयला प्रमुख बना हुआ है। रेलवे ने ढुलाई में विविधीकरण लाने की कवायद की है, इसके बावजूद यह स्थिति बनी हुई है। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि कोयले की ढुलाई पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 620 लाख टन ज्यादा है, जबकि कुल माल ढुलाई में 800 लाख टन की बढ़ोतरी हुई है। लौह अयस्क और स्टील दोनों की ढुलाई पिछले साल की तुलना में कम हुई है, जबकि अन्य जिंसों की ढुलाई मामूली बढ़ी है।