श्रम पर बनी संसद की स्थायी समिति ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) को हर साल अपनी निवेश नीति की समीक्षा करने का सुझाव दिया है क्योंकि सामाजिक सुरक्षा निकाय के सरकरी बॉन्डों में निवेश से मिलने वाले ब्याज में कुछ वर्षों से गिरावट देखी जा रही है।
समिति ने पाया कि सरकार की प्रतिभूतियों (इसमें सरकारी बॉन्ड व राज्य विकास ऋण शामिल होता है) से मिलने वाला ब्याज 2021-22 में घटकर 4,711 करोड़ रुपये रह गया, जो 2020-21 में 5,115 करोड़ रुपये था।
इसी तरह से बैंकों में सावधि जमा और विशेष जमा खातों (एसडीए) से मिलने वाला ब्याज (इसमें अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और एएए रेटिंग वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के बॉन्डों में निवेश शामिल है) 2021-22 में घटकर 1,290 करोड़ रुपये रह गया है, जो 2019-20 में 4,075.48 करोड़ रुपये था।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘समिति ने पाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के बॉन्डों में ऋण का जोखिम हो सकता है और पिछले कुछ साल से इनसे मिलने वाले ब्याज में कमी आ रही है। बहरहाल मंत्रालय ने कहा है कि ईएसआईसी पोर्टफोलियो के किसी निवेश में अब तक कोई चूक या कमी नहीं हुई है। समिति का सुझाव है कि बगैर नागा किए हुए हर साल निवेश नीति की समीक्षा की जानी चाहिए।’
फरवरी 2023 तक ईएसआईसी की कुल निवेश राशि पिछले 6 साल में दोगुने से ज्यादा होकर 1.33 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो मार्च 2017 में 60,000 करोड़ रुपये थी। इस कुल निवेश राशि में से ईएसआईसी ने 84,118 करोड़ रुपये (74 प्रतिशत) सरकारी प्रतिभूति (जी सेक, राज्य विकास ऋण, सरकार की गारंटी वाले और सरकार के बॉन्ड) में निवेश किया है। वहीं एएए रेटिंग वाले पीएसयू के बॉन्डों में 32,401 करोड़ रुपये (21 प्रतिशत) और करीब 6,330 करोड़ रुपये कम अवधि के डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया है।
इसके पहले ईएसआईसी ने अपने अतिरिक्त कोष का निवेश एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के माध्यम से इक्विटी में करने का फैसला
किया था।
समिति ने चिंता जताई कि सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के तहत बढ़े कवरेज में न तो श्रम मंत्रालय ने गंभीरता दिखाई है, न कर्मचारी राज्य जीवन बीमा निगम ने दिलचस्पी ली है।
पिछले सप्ताह लोकसभा के अध्यक्ष को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘समिति इस बात से चिंतित है कि इस समय मंत्रालय / ईएसआईसी सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के तहत उपलब्ध कराए गए विस्तारित कवरेज देने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। समिति का विचार है कि योजना को लागू करने के लिए शुरुआती काम, सरकारी विभागों से आंकड़ों का संग्रह, सदस्यों/बीमित व्यक्तियों की पहचान के लिए आधार का इस्तेमाल गंभीरता से करने की जरूरत है।’
ईएसआई कोष में 21,000 रुपये महीने कमाने वाले श्रमिकों के वेतन का 4 प्रतिशत आता है। इसमें से नियोक्ता 3.25 प्रतिशत भुगतान करते हैं और शेष राशि श्रमिक के वेतन से लिया जाता है। 2021-22 तक 2021-22 तक ईएसआई योजना में 3.1 करोड़ बीमित व्यक्ति (आईपी) और करीब 12 करोड़ लाभार्थी जुड़े हुए थे। ये 610 अधिसूचित जिलों के 16 लाख प्रतिष्ठानों में काम कर रहे हैं।