पायलटों के थकान का स्तर जानने के लिए विमानन कंपनी इंडिगो (Indigo) तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इंडिगो जल्द ही रिस्ट गैजेट (कलाई पर पहनने वाला उपकरण) पेश करेगी और उड़ान से पहले और बाद में पायलटों के थकान और उनकी सतर्कता का स्तर जानने के लिए एक ग्राउंड डिवाइस का भी उपयोग करेगी।
विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा है कि कंपनी थकान के बारे में जानने के उपकरण पर काम करने के लिए फ्रांस की एयरोस्पेस समूह थेल्स ग्रुप के साथ साझेदारी करेगी। यह विमानन कंपनी को पायलटों की थकान कम करने के उद्देश्य से उड़ान के पैटर्न और रोस्टर तैयार करने में मदद करेगा।
विमानन कंपनी ने बयान में कहा है, ‘कार्यक्रम में वास्तविक समय डेटा, ऐतिहासिक जानकारी और पूर्वानुमानित विश्लेषण का उपयोग किया जाएगा। साथ ही एकत्रित किए गए आंकड़ों की पहचान रद्द की जाएगी। हम अपने पायलटों की भलाई, उनके स्वास्थ्य और मानसिक संतुष्टि को सुनिश्चित करने और आखिरकार यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
विमानन कंपनी ने इस बात जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया।
पायलटों के थकान का आकलन करने वाले इस कार्यक्रम के तहत स्त्री-पुरुष के आंकड़े, मार्ग, क्रू सदस्यों के प्रोफाइल आदि की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके अलावा पायलटों की सतर्कता का आकलन करने के लिए अगले कुछ महीनों में प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट ट्रायल का भी आयोजन किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद विमानन कंपनी रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों की सटीकता की जांच करेगी।
दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु और चेन्नई जैसे शहरों में इंडिगो के ठौर पर पायलटों को पांच मिनट की जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। कुल मिलाकर विमानन कंपनी अपनी मौजूदा व्यवस्था को जारी रखेगी जहां पायलट थकान का हवाला देकर छुट्टी ले सकते हैं।
विमानन कंपनी रोजाना करीब 1,900 उड़ानों का संचालन करती है। कंपनी के 4 हजार से अधिक पायलट हर दिन 4 टेक ऑफ और लैंडिंग करते हैं।
पिछले महीने अगस्त में इंडिगो के 40 वर्षीय पायलट मनोज सुब्रहमण्यम की नागपुर हवाईअड्डे पर पुणे जाने वाले विमान को उड़ाने से पहले हृदयाघात से मौत हो गई थी, जिसके बाद विमानन कंपनी ने तकनीक के जरिये पायलटों की थकान जानने की पहल शुरू की है।