देश के अनौपचारिक रोजगार बाजार में 18 फीसदी महिलाएं अपनी नौकरी के जरिये करियर संवारना चाहती हैं, जबकि पुरुषों में महज 13 फीसदी ऐसा करना चाहते हैं। नौकरी के बाजार पर नजर रखने वाली फर्म क्वेस कॉर्प के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। इतना ही नहीं, भारत के अनौपचारिक बाजार में अब आधे से अधिक महिलाएं अपने अपने वेतन पैकेज के बजाय रोजगार के गैर-मौद्रिक पहलुओं को तरजीह दे रही हैं।
कंपनी ने कहा, ‘फिलहाल इस अध्ययन के अनुसार अनौपचारिक क्षेत्र की आधे से अधिक महिला कर्मचारी (56 फीसदी) गैर-मौद्रिक पहलुओं पर जोर देती हैं। इनमें करियर निर्माण, समुदाय के लिए योगदान, नए कौशल सीखना और अपने आकांक्षाओं एवं रुचियों पर ध्यान आदि शामिल हैं।’
अध्ययन में कहा गया है कि 63 फीसदी महिलाएं अधिक वेतन के बजाय स्वास्थ्य लाभ एवं औपचारिक अनुबंध जैसे गैर-मौद्रिक फायदों को तरजीह देती हैं। ऐसा करने वाले पुरुष केवल 28 फीसदी हैं।
आंकड़ों के अनुसार कुछ उद्योगों में महिलाओं को अपने बराबर के पुरुष कर्मचारियों की तुलना में अधिक वेतन मिलता है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वेतन की स्थिति देखने से पता चलता है कि खुदरा, एफएमसीजी, ईएमपीआई, विनिर्माण और रियल एस्टेट जैसे प्रमुख उद्योगों में महिला कर्मचारी अपने बराबर के पुरुष कर्मचारियों से अधिक वेतन पाती हैं।’
क्वेस कॉर्प के अध्यक्ष (कार्यबल प्रबंधन) लोहित भाटिया ने कहा, ‘हमें भारत की अनौपचारिक और औपचारिक अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को स्वीकार करना चाहिए। हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि अब उनकी जरूरतें अब पहले से ज्यादा परिपक्व हो चुकी हैं। भारतीय उद्योग जगत को महिलाओं में बेहतर रोजगार क्षमता के विकास के लिए प्रशिक्षण एवं कौशल विकास पर निवेश करना चाहिए। उन्हें रोजगार के अवसर खोजने में मदद करनी चाहिए और रोजगार योग्य व्यापक आबादी के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ की पेशकश करनी चाहिए।’
गिग डिस्कवरी प्लेटफॉर्म टास्कमो की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में महिला गिग वर्कर्स की मांग करीब 10 गुना बढ़ी है।
टास्कमो के सह-संस्थापक प्रशांत जनाद्रि ने कहा, ‘ऐसे तमाम पद हैं जहां महिला गिग वर्कर्स को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। इनमें सामग्री को दुरुस्त करना, बिजनेस एक्जीक्यूटिव, टेलीकॉलिंग और विपणन एवं संचार के अन्य पद शामिल हैं।’ टास्कमो गिग सूचकांक (टीजीआई) के अनुसार दूर-दराज से काम करने की सुविधाओं के कारण महिलाओं के लिए रोजगार में तेजी आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डिजिटल कामकाज के करीब 68 फीसदी मौके महिला गिग वर्कर्स लपक लेती हैं। इससे उन्हें दूर से काम करने की सुविधा मिलती है। वैश्विक महामारी के कारण गिग सेक्टर की वृद्धि तेज हुई है क्योंकि उस दौरान दूर से काम करने का चलन बढ़ गया था। मार्च 2022 से फरवरी 2023 के दौरान टेलीकॉलर कर्मियों की संख्या में करीब 300 फीसदी की वृद्धि हुई है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि 83 फीसदी महिला गिग वर्कर्स की उम्र 19 से 35 साल के बीच है।