इजरायल में युद्ध के हालात बनने और उसके बाद उड़ानें रद्द होने के कारण वहां से भारत आने वाले यात्रियों की मुश्किलें बढ़ेंगी और पूरा ट्रैवल सीजन प्रभावित होगा।
कारोबारी सिलसिले में इजरायल से भारत आने वाले लोगों की यात्रा पूरे वर्ष भर जारी रहती हैं लेकिन छुट्टियों में की जाने वाली यात्रा आमतौर पर अक्टूबर से मार्च तक होती है लेकिन इन दिनों वहां युद्ध की स्थिति बन गई है।
भारतीय पर्यटन सांख्यिकी 2022 के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में देश के यात्रियों की तादाद शीर्ष स्तर पर पहुंच गई और भारत में करीब 73,137 लोग इजरायल से आए। हालांकि, वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के बाद इजरायल से केवल 4,601 लोग ही भारत आए।
इजरायल से भारत आने वाले कुल यात्रियों में से करीब 53.2 प्रतिशत यात्रियों ने वर्ष 2021 की चौथी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर के सीजन के दौरान यात्रा की।
आंकड़ों के मुताबिक कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में कुल यात्रियों में से 18.3 प्रतिशत ने भारत की यात्रा की और इसके बाद 16.5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत यात्रियों ने क्रमशः चालू वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) और चालू वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में यात्रा की।
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी के सलाहकारी मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, ‘इस साल अक्टूबर से मार्च के बीच आने वाले कुल यात्रियों में से करीब 65-70 फीसदी यात्री के आने की उम्मीद थी लेकिन अभी युद्ध की शुरुआत हो चुकी है।’
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से छुट्टियों वाली यात्रा पूरी तरह से प्रभावित होगी क्योंकि यह अनिवार्य यात्रा के दायरे में नहीं आती है। हालांकि कारोबार के सिलसिले में होने वाली यात्रा जारी रहेगी लेकिन उड़ानें रद्द हो रही हैं, ऐसे में इस वक्त हर तरह की यात्रा टल सकती है।’
7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच दिल्ली-तेल अवीव की सभी उड़ानें रद्द
इस बीच, एयर इंडिया ने यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा के मद्देनजर 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच दिल्ली-तेल अवीव की सभी उड़ानों को रद्द करने की घोषणा की है।
विमानन कंपनी ने कहा, ‘एयर इंडिया इस अवधि के दौरान कन्फर्म बुकिंग वाले यात्रियों को पूरी मदद देगी।’ मार्च 2022 में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन को खत्म किए जाने के बाद से एयर इंडिया, भारत और इजरायल के बीच सेवाएं मुहैया कराने वाली एकमात्र विमानन कंपनी नहीं रही है।
विमानन क्षेत्र की एनालिटिक्स फर्म सिरियम के मुताबिक, फिलहाल एयर इंडिया हर हफ्ते, दिल्ली और तेल अवीव को जोड़ने वाली 10 उड़ानों का संचालन करती है।
महामारी से पहले, इजरायली विमानन कंपनी के उड़ानों का संचालन भी भारत और इजरायल के बीच होता था। इजरायल की विमानन कंपनी ईएल अल इजरायल एयरलाइंस, मार्च 2021 तक हर हफ्ते एक से तीन उड़ानों की सेवाएं देती थीं। दूसरी इजरायली विमानन कंपनी अर्किया ने अक्टूबर 2019 और फरवरी 2020 के बीच भारत और तेल अवीव के बीच हर हफ्ते एक से दो उड़ानें संचालित कीं।
विमानन क्षेत्र के मूल्यांकन से जुड़े ब्लॉग नेटवर्कथॉट्स के संस्थापक अमेय जोशी ने कहा, ‘एयर इंडिया को लंबे समय तक के लिए तेल अवीव की उड़ानें रद्द करनी पड़ सकती हैं। ऐसे में ईएल एएल की भारत वापसी पर भी संदेह हो सकता है जिसकी अवधि सर्दियों के लिए तय की गई है। यदि संघर्ष जारी रहता है तब बीमाकर्ता इजरायल की उड़ानों के लिए प्रीमियम बढ़ा सकते हैं क्योंकि यह युद्धरत क्षेत्र बन चुका है।’
जो ट्रैवल एजेंट इस साल इजरायल से अधिक यात्रियों के आने से बेहतर कारोबार की उम्मीद कर रहे थे, वे फिलहाल विमानन कंपनियों और होटलों से यात्रियों के लिए रिफंड की कोशिश कर रहे हैं।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के अध्यक्ष राजीव मेहरा ने अफसोस जताते हुए कहा, ‘घरेलू पर्यटन की रफ्तार अब भी बढ़ी नहीं है और ऐसे में यह स्थिति भारत के पर्यटन उद्योग के लिए बड़ा झटका है। यात्रियों के आने की योजना रद्द हो चुकी है और इसका स्थायी प्रभाव पड़ेगा क्योंकि युद्ध समाप्त होने तक दो से तीन महीने की यात्रा का नुकसान हो जाएगा।’