भारतीय कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 4.6 अधिक रकम जुटाई है।
प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार 20 कंपनियों ने क्यूआईपी में नए शेयर जारी कर संचयी रूप में 18,443 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में उन्होंने केवल 4,022 करोड़ रुपये जुटा पाए थे। सार्वजनिक क्षेत्र का यूनियन बैंक सबसे बड़ा क्यूआईपी निर्गम लेकर आया। इस बैंक ने अपना पूंजी आधार बढ़ाने के लिए निर्मग के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये रकम जुटाई।
प्राइम डेटाबेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्तीय सेवा एवं बिजली वितरण कंपनियां क्यूआईपी जारी करने में सबसे आगे रहीं। क्यूआईपी के माध्यम से जितनी रकम जुटाई गईं उनमें इन कंपनियों की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत (12,890 करोड़ रुपये) रही। इसके अलावा ब्रूकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट 2,305 करोड़ रुपये का क्यूआईपी लेकर आया था।‘
पहली छमाही में कुल 73,747 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर जारी हुए थे, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 69 प्रतिशत अधिक रहे। शेयर जारी कर जितनी पूंजी जुटाई गई उनमें नई पूंजी की हिस्सेदारी लगभग 56 प्रतिशत रही। पिछले साल नए निर्गम की हिस्सेदारी कुल शेयर निर्गम का केवल 35 प्रतिशत थे। पहली छमाही में आईपीओ के जरिये 29,032 करोड़ रुपये जुटाए गए। इनमें लगभग आधी या 12,979 करोड़ रुपये रकम नए शेयर जारी करने से आए थे, जो पिछले सात वर्षों में सर्वाधिक रही।
पहली छमाही में लघु एवं मझोले उद्यम भी मजबूत रहे। लगभग 97 आईपीओ ने 2,931 करोड़ रुपये जुटाए। पिछले वर्ष की समान अवधि में 63 एसएमई आईपीओ ने 1,137 करोड़ रुपये जुटाए थे।
प्राइम डेटाबेलस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि दूसरी छमाही को लेकर भी संभावनाएं मजबूत लग रही हैं। उन्होंने कहा कि 28 कंपनियां 38,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना लेकर तैयार हैं और इन्हें सेबी की अनुमति भी मिल चुकी है। हल्दिया ने कहा कि 41 अन्य कंपनियां 44,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती हैं और सेबी के निर्णय का इंतजार कर रही हैं।