पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत अगले 15 साल में बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन केंद्र बन जाएगा और न सिर्फ घरेलू मांग पूरी होगी, बल्कि यह एक महत्त्वपूर्ण निर्यातक हो जाएगा।
सीआईआई के सालाना सत्र में बोलते हुए पुरी ने कहा कि भारत में परंपरागत ईंधनों की जगह हरित विकल्पों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जो विभिन्न स्रोतों से मिल रहा है। देश की सभी घरेलू उड़ानों में 2030 तक 1 प्रतिशत सतत विमान ईंधन मिलाने के लिए कुल 14 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, ‘यह शुद्ध लाभ है। इससे कृषि क्षेत्र को भी फायदा होगा।’
पुरी ने कहा कि यू्क्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से तमाम देशों ने हरित ऊर्जा की योजना में कटौती कर दी, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग ने भी हरित बदलाव के लिए तेजी से योजना को विस्तार देना शुरू कर दिया है।
बहरहाल मंत्री ने कहा कि देश परंपरागत ईंधन को विस्तार देने में निवेश नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि मैं गारंटी दे सकता हूं कि हमारा घरेलू अन्वेषण व उत्पादन तेजी से बढ़ेगा। भारत में पेट्रोलियम की घरेलू मांग का 85 प्रतिशत आयात से पूरा होता है। भारत का घरेलू गैस उत्पादन 18 प्रतिशत सालाना के हिसाब से बढ़ रहा है, देश की आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) पर निर्भरता स्थिर बनी हुई है।
मौजूदा समय में ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया के उत्पादन में चीन दुनिया में नंबर 1 है। ऐसे में भारत की एंट्री ड्रेगन के कान जरूर खड़े करेगी।