प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भरोसेमंद सहयोगी की भारत की भूमिका पर जोर देते हुए अंतरराष्ट्रीय चिप विनिर्माताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि यह देश कभी किसी को निराश नहीं करता है।
मोदी ने गांधीनगर में सेमीकॉन इंडिया के दूसरे वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए देश में व्यापक बाजार और संभावानाओं का जिक्र किया।
एएमडी अगले 5 साल में देश में करेगी 3,300 करोड़ रुपये का निवेश
सम्मेलन के पहले दिन एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेस (एएमडी), माइक्रॉन टेक्नोलॉजी, अप्लाइड मटीरियल्स और फॉक्सकॉन जैसी वैश्विक कंपनियों ने भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश की घोषणा की।
एएमडी ने अगले 5 साल में देश में करीब 3,300 करोड़ रुपये लगाने की घोषणा की। कंपनी बेंगलूरु में 5 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में शोध एवं विकास परिसर खोलेगी।
माइक्रॉन ने गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने का अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि इससे रोजगार के 5,000 प्रत्यक्ष मौके आएंगे और यह संयंत्र घरेलू तथा वैश्विक मांग पूरी करेगा। वेदांत के साथ संयुक्त उपक्रम से हाल ही में निकलने वाली होन हाई टेक्नोलॉजी (फॉक्सकॉन) ने सरकार की सेमीकंडक्टर उत्पादन योजना के तहत प्रोत्साहनों के लिए आवेदन करने का इरादा जाहिर किया।
वेदांत भी करेगी बड़ा निवेश
वेदांत समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि उनकी सेमीकंडक्टर परियोजना के पहले चरण में 5 अरब डॉलर का निवेश होगा और अगले ढाई साल में मेक इन इंडिया चिप बनकर तैयार हो जाएगा।
अमेरिका की चिप विनिर्माता अप्लाइड मटीरियल्स ने भी अगले 4 साल में 40 करोड़ डॉलर के निवेश की योजना बताई।
मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रतिकूल प्रभाव को एक साथ झेला है। ऐसे में भारत अपनी जरूरतों के लिए नहीं बल्कि भरोसेमंद चिप आपूर्ति श्रृंखला के लिए वैश्विक आवश्यकता के रूप में सेमीकंडक्टर के महत्त्व को समझता है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से बेहतर और भरोसेमंद साझेदार कौन हो सकता है।’
मुझे भारत से बहुत उम्मीदें: फॉक्सकॉन सीईओ
फॉक्सकॉन टेक्केलॉजी समूह के मुख्य कार्याधिकारी यांग लिउ ने भारत के चिप तंत्र को सही मायने में साहसी लोगों के लिए मुफीद जगह बताया। उन्होंने कहा, ‘मुझे भारत से बहुत उम्मीदें हैं।’
यह सम्मेलन बहुत अहम है क्योंकि सरकार के सहयोग से भारत में सेमीकंडक्टर मिशन ने पिछले कुछ महीनों में गति पकड़ी है।
वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर के लिए 10 अरब डॉलर की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पेश की थी। इसके तहत चिप संयंत्र लगाने पर आने वाले कुल खर्च की 50 फीसदी आर्थिक सहायता दी जाती है।
सेमीकंडक्टर के वैश्विक उद्योग निकाय सेमी के अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी अजीत मनोचा ने कहा, ‘पहली बार भू-राजनीति, घरेलू नीतियां और निजी क्षेत्र सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए भारत के पक्ष में आ गए हैं।’