क्लाउड कम्प्यूटिंग और डेटा भंडारण समाधान कंपनी ह्यूलिट पैकार्ड एंटरप्राइज (HPI) भारत में अत्याधुनिक सर्वर का उत्पादन शुरू करने के लिए भारतीय कंपनी वीवीडीएन टेक्नोलॉजिज के साथ करार किया है।
कंपनी का लक्ष्य हरियाणा के मानेसर संयंत्र में अगले पांच वर्षों के दौरान करीब एक अरब डॉलर मूल्य के सर्वर का उत्पादन करने का है। एचपीई संभवतः ऐसी पहली कंपनी है जो देश में सरकार के सहयोग से उत्पादन शुरू करने जा रही है। कंपनी को आईटी हार्डवेयर के लिए हाल ही में संशोधित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई 2.0) के तहत सरकारी समर्थन मिलेगा।
कंपनी ने मंगलवार को कहा कि नए उत्पादन से भारत में ग्राहकों की बढ़ती मांग को समर्थन मिलेगा और एचपीई की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला भी मजबूत हो जाएगी।
संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘हाल में शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना 2.0 का लक्ष्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) का वैश्विक केंद्र बनाने का है। हमारा मानना है कि बड़े पैमाने पर आईटी हार्डवेयर परिवेश को व्यापक बनाने में भी मददगार साबित होगा। हम भारत में उत्पादन शुरू करने के एचपीई के फैसले का स्वागत करते हैं क्योंकि इससे घरेलू उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी।’
अमेरिका के बाद भारत में एचपीआई का दूसरा सबसे बड़ा कार्यबल है। कंपनी अब तक भारत में सिर्फ अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) पर केंद्रित थी। बेंगलूरु के महादेवपुरा में इसका विश्व का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। भारत में कंपनी के 4,000 से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें वैज्ञानिक, इंजीनियर और अनुसंधान टीम शामिल है।
एचपीई के प्रेसिडेंट और मुख्य कार्याधिकारी एंटोनियो नेरी ने कहा, ‘एचपीई के लिए भारत कारोबार, प्रतिभा, नवोन्मेष और अब विनिर्माण के लिए भी एक रणनीतिक बाजार है। भारत में ग्राहक डिजिटल रूप से बदलाव में मदद के लिए एचपीई का रुख कर रहे हैं और हमारे 14,000 कर्मचारी भारतीय परिचालन में लगे हुए हैं। हमें इस महत्वपूर्ण देश में विनिर्माण गतिविधि संचालित कर अपनी मजबूत उपस्थिति को सशक्त करने का गर्व है।’
उन्होंने कहा कि कंपनी के लिए आज की घोषणा मील का पत्थर साबित होगी और आत्मनिर्भर भारत के लिए केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया पहल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
नए केंद्र में व्यावसायिक रूप से महत्त्वपूर्ण और सामान्य कार्यों के लिए अत्याधुनिक सर्वर तैयार किए जाएंगे, जिससे सरकार, उद्यम और मझोले तथा छोटे कारोबार करने वाले ग्राहकों को फायदा होगा। प्रौद्योगिकियों के विकास एवं सह-उत्पादन के संबंध में भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य जारी होने के दस दिन के भीतर अमेरिकी हार्डवेयर विनिर्माता एचपी और वीवीडीएन के बीच यह समझौता हुआ है।
आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलाई योजना के तहत क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए देश में निर्मित लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और एज कंप्यूटिंग उपकरणों की बढ़ती बिक्री पर 9 फीसदी तक प्रोत्साहन मिलता है।
पिछले महीने वैश्विक तकनीकी कंपनी सिस्को ने भी भारत में अपना विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की थी। यह कदम और भी अधिक विविध और लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने की सिस्को की रणनीति का हिस्सा है।
कंपनी ने कहा कि इस नवीनतम निवेश के साथ, सिस्को भारत में ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करेगी और आने वाले वर्षों में संयुक्त घरेलू उत्पादन और निर्यात में एक अरब डॉलर से अधिक की वृद्धि करने का लक्ष्य रखेगी।