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नियामकीय अनुपालन के लिए जोखिम सलाहकार सेवा की बढ़ रही मांग

ईवाई इंडिया ने कहा कि जोखिम सलाहकार कारोबार में उसके 125 से अधिक साझेदार हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों में 30 प्रतिशत की वार्षिक दर से इजाफा हुआ है।

Last Updated- April 21, 2024 | 11:02 PM IST
Two days before the deadline, one-third companies file financial statements.

देश की चार बड़ी अकाउंटिंग फर्मों को नियामकीय अनुपालन के लिए जोखिम सलाहकार सेवाओं की बढ़ती मांग नजर आ रही है जिससे वे और ज्यादा लोगों को काम पर रख रही हैं और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

भारत में केपीएमजी के ऑफिस मैनेजिंग पार्टनर और रिस्क एडवाइजरी के प्रमुख मनोज कुमार विजय के अनुसार कोरोनोवायरस महामारी ने दमदार उद्यम जोखिम प्रबंधन के महत्व को मजबूत किया है।

उन्होंने कहा, ‘मौजूदा नियामकीय माहौल की बढ़ती आवश्यकताओं तथा अनुपालन पर अधिक ध्यान दिए जाने से जोखिम और अनुपालन पर ध्यान केंद्रित करने में तेजी आई है।’

पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर और रिस्क कंसल्टिंग के प्रमुख शिवराम कृष्णन ने कहा कि प्रौद्योगिकी व्यवधान, भू-राजनीतिक घटनाओं और जलवायु परिवर्तन ने कारोबारी प्रमुखों को जोखिम प्रबंधन में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा, ‘वैश्विक प्रभाव और कारोबारी मूल्य श्रृंखला पर अक्सर असर के साथ व्यवधान की आवृत्ति भी बढ़ गई है।’ एक अन्य कारक यह भी हो सकता है कि कारोबार भारत की आर्थिक वृद्धि और घरेलू विनिर्माण के लिए सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को लेकर आश्वस्त हैं।

ईवाई इंडिया (EY India) के परामर्श सेवा प्रमुख रोहन सचदेव ने कहा कि अधिक पूंजीगत व्यय निवेश के परिणामस्वरूप तीसरे पक्ष के जोखिम प्रबंधन और पूंजीगत व्यय कार्यक्रमों की निगरानी की जरूरत हुई है। डेलॉयट, केपीएमजी, पीडब्ल्यूसी और ईवाई के अधिकारियों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में जोखिम प्रबंधन के संबंध में धारणा बदल गई है। कारोबार अब न केवल निपटने पर ध्यान दे रहे हैं, बल्कि जोखिम का इस्तेमाल परिवर्तन के अवसर के रूप में भी कर रहे हैं।

डेलॉयट साउथ एशिया के अध्यक्ष (जोखिम सलाहकार) एंथनी क्रैस्टो ने कहा कि जोखिम प्रबंधन इस बात का अभिन्न अंग बनता जा रहा है कि संगठन वृद्धि के अवसरों को भुनाने के लिए अपने कारोबारों का प्रबंधन किस तरह करते हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया के कृष्णन कहते हैं कि प्रगतिशील संगठन जोखिम को केवल मूल्य संरक्षण या बचाव के बजाय ‘मूल्य-सृजन’ के नजरिये से भी देख रहे हैं।

देश में अकाउंटिंग कंपनियों के लिए जोखिम परामर्श सबसे तेजी से बढ़ते कारोबारों में से एक बन गया है जो उन्हें उस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले लोगों को नियुक्त करने और इसके लिए प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।

विजय ने कहा, ‘भारत में केपीएमजी में हम इसके अनुरूप जोखिम समाधान पेश करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाकर इस बढ़ती मांग पर सक्रिय रूप से ध्यान दे रहे हैं।’

ईवाई इंडिया ने कहा कि जोखिम सलाहकार कारोबार में उसके 125 से अधिक साझेदार हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों में 30 प्रतिशत की वार्षिक दर से इजाफा हुआ है।

First Published - April 21, 2024 | 11:02 PM IST

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