सरकार का मानना है कि छोटे पैमाने पर 200 कंप्रेस्ड बॉयो गैस (सीबीजी) परियोजनाएं स्थापित करने, राज्य संचालित वृद्धि,उच्च वाणिज्यिक बिक्री दर के साथ कई अलग नीतिगत कदमों की वजह से केंद्र सरकार की कई प्रमुख योजनाओं और भारत में सीबीजी उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने हाल में उद्योग के हिस्सेदारों के साथ दिल्ली में हुई एक अहम बैठक में कहा कि 2024-25 तक 5,000 वाणिज्यिक सीबीजी संयंत्र स्थापित करने की योजना बरकरार है, जिसे सस्टनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफर्डेबल ट्रांसपोर्ट (एसटीएटी) योजना के तहत स्थापित किया जाना है।
एसएटीएटी योजना 2018 में शुरू की गई थी, जिसका मकसद विभिन्न बायोमास स्रोतों से कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के उत्पादन को प्रोत्साहन देना है। लेकिन यह योजना लक्ष्य से बहुत पीछे है। अब तक देश में सिर्फ 46 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र स्थापित किए जा सके हैं। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति में जल्द बदलाव हो सकता है।
वैश्विक सीबीजी कॉन्फ्रेंस में पिछले सप्ताह अधिकारियों ने कहा कि देश भर के 100 से ज्यादा खुदरा आउटलेट पर सीबीजी की बिक्री शुरू हो चुकी है। सरकर सीबीजी की प्रभावी बिक्री के साथ सस्ते वित्तपोषण, वित्तीय प्रोत्साहन और कार्बन अकाउंटिंग व्यवस्था पर भी चर्चा करेगी।
राज्यों से भी यह उम्मीद की गई है कि परियोजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए आगे आएं।
अधिकारियों ने कहा कि लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ने 200 सीबीजी संयंत्र और 300 कम्युनिटी और क्लस्टर आधारित बायोगैस संयंत्र लगाने की योजना बनाई है।
अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि जल्द ही बड़े पैमाने पर संयंत्र स्थापित होंगे क्योंकि तेल व गैस विपणन कंपनियों ने सीबीजी की खरीद के लिए दीर्घावधि वाणिज्यिक समझौते किए हैं।