वाडिया समूह की कुछ सूचीबद्ध् कंपनियों ने दिवालिया गो फर्स्ट एयरलाइंस में वित्त वर्ष 2023 के दौरान अपने निवेश में कमी की, जिससे बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग का निवेश घटकर 65 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2022 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इंटर-कॉरपोरेट जमा (आईसीडी) के माध्यम से बॉम्बे बर्मा का विमानन कंपनी में 315 करोड़ रुपये का निवेश था। बॉम्बे बर्मा के पास विमानन कंपनी में प्रत्यक्ष रूप से 32 प्रतिशत की हिस्सेदारी भी है, जबकि शेष स्वामित्व वाडिया की निजी कंपनियों के पास है। 6,684 करोड़ रुपये के बाजार मूल्यांकन वाली बॉम्बे बर्मा का शेयर मंगलवार को 958 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
वार्षिक रिपोर्ट की सूचना के अनुसार वाडिया की अन्य कंपनियों के आईसीडी का भुगतान उसी वर्ष कर दिया। खाद्य विनिर्माता ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज को एक साल पहले ही उसका पूरा 320 करोड़ रुपये वापस मिल गया था। प्रवर्तकों से पिछले दो साल में 3,200 करोड़ रुपये की इक्विटी प्राप्त करने वाली विमानन कंपनी ने 2 मई को दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। उसने भारत में अपने 28 ठप पड़े विमानों को फिर से सक्रिय करने के लिए अमेरिकी की इंजन विनिर्माता प्रैट ऐंड व्हिटनी (पीऐंडडब्ल्यू) को उसके दोषपूर्ण इंजनों के रखरखाव में विफल रहने का आरोप लगाया था।
पीऐंडडब्ल्यू ने विमानन कंपनी के इन आरोपों को ‘बिना महत्त्व’ वाला कहा है। वाडिया कंपनियों के अलावा वे भारतीय बैंक, जिनका विमानन कंपनी में 6,500 करोड़ रुपये का निवेश है, घाटे के लिए प्रावधान करने और समाधान पेशेवर के साथ दावा करने की योजना बना रहे हैं। बॉम्बे बर्मा राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) द्वारा नियुक्त समाधान पेशेवर के साथ भी दावा करेगी। कॉरपोरेट वकीलों का कहना है कि अगर विमानन कंपनी जल्दी शुरू हो जाती है, तो बैंकों के घाटे में कमी आएगी।
गो फर्स्ट के अधिकारी ने कहा कि विमानन कंपनी के सामने आने वाली दिक्कतों के बावजूद वह 45 करोड़ रुपये के मासिक वेतन बिल में चूक नहीं करेगी। परिचालन फिर से शुरू करने के लिए विमानन कंपनी के पास करीब 300 करोड़ रुपये हैं। गोफर्स्ट के अलावा, इंडिगो के लगभग 50 विमान और स्पाइस जेट के 20 विमान (टर्बो प्रोप इंजन) भी पीऐंडडब्ल्यू के दोषपूर्ण इंजनों की वजह से आज की तारीख में ठप पड़े हुए हैं।
प्रैट एंड व्हिटनी : आपातकालीन मध्यस्थता की जरूरत
गो फर्स्ट ने कहा है कि उसे इंजन विनिर्माता प्रैट ऐंड व्हिटनी के साथ विवाद में आपातकालीन मध्यस्थता की जरूरत है ताकि उसे कारोबार से बाहर जाने से रोका जा सके। कंपनी ने रेथियॉन टेक्नोलॉजीज के स्वामित्व वाली इंजन विनिर्माता को अपने वित्तीय संकट और दिवालिया आवेदन के लिए दोषी ठहराया है। उसका तर्क है कि फर्म ‘दोषपूर्ण’ इंजनों की आपूर्ति और समय पर बदलने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप उसके विमानों का आधा बेड़ा ठप हो गया।