facebookmetapixel
Axis MF ने उतारा नया फंड; ₹100 से निवेश शुरू; इस हाइब्रिड FoF में क्या है खास?हैवीवेट Tata Stock पर 3 ब्रोकरेज ने अपग्रेड की रेटिंग, मोतीलाल ओसवाल भी बुलिश; ₹224 तक के टारगेट8th Pay Commission: 1 जनवरी से लागू होगा 8वां वेतन आयोग, कैनिबेट से टर्म ऑफ रेफरेंस को मंजूरीक्यों चर्चा में है HDFC बैंक? Credit Suisse बॉन्ड का पूरा मामला जानेंसोने-चांदी की कीमतों में तेज गिरावट, सोना ₹1.20 लाख और चांदी ₹1.40 लाख से नीचे आईभारत में बनेंगे पैसेंजर एयरक्रॉफ्ट, HAL और रूस की UAC के बीच SJ-100 के लिए बड़ा कराररूसी तेल बैन के बीच Reliance, ONGC और ऑयल कंपनियों के शेयरों पर 19% तक रिटर्न का मौका! चेक करें चार्टSIP का सच: वो सच्चाई जिसे ज्यादातर निवेशक नजरअंदाज करते हैंअब ChatGPT Go का 1 साल तक फ्री एक्सेस, OpenAI का प्रमोशनल ऑफर 4 नवंबर से शुरूभारत vs चीन: अंबानी या झोंग – कौन है एशिया का सबसे अमीर?

Go First हाईकोर्ट के आदेश को नहीं देगी चुनौती

उच्च न्यायालय ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से शुक्रवार (3 मई) तक सभी 54 विमानों का पंजीकरण रद्द करने को कहा था।

Last Updated- May 03, 2024 | 9:43 PM IST
History became Go First! NCLT ordered liquidation of the airline इतिहास बन गई Go First! NCLT ने एयरलाइन के लिक्विडेशन का ऑर्डर दिया

गो फर्स्ट (Go First ) के घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया है कि एयरलाइन दिल्ली उच्च न्यायालय दिए गए आदेश को चुनौती नहीं देगी और परिसमापन प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करेगी।

उच्च न्यायालय ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से शुक्रवार (3 मई) तक सभी 54 विमानों का पंजीकरण रद्द करने को कहा था।

ऋणदाताओं का कहना है कि एकमात्र विकल्प अब एयरलाइन का परिसमापन रह गया है। हालांकि उनका कहना है कि परिसमापन से ऋणदाताओं को अपनी पूंजी गंवानी पड़ेगी, क्योंकि लंबी कानूनी प्रक्रिया की वजह से परिसंपत्तियों और उसकी वैल्यू, दोनों की लगभग समाप्त हो गई हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 26 अप्रैल को जारी किए गए आदेश को ध्यान में रखते हुए डीजीसीए ने दिवालिया हो चुकी गो फर्स्ट के पास पट्टे वाले सभी 54 विमानों का पट्टा बुधवार को समाप्त कर दिया।

एयरलाइन के समाधान पेशेवर की ओर से पेश हुए अधिवक्ता दिवाकर महेश्वरी ने अदालत से इस आदेश को स्थगित करने का अनुरोध किया था, लेकिन न्यायालय ने इनकार कर दिया।

गो फर्स्ट ने मई 2023 में दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। तब से इन विमानों के पट्टेदाता अपने विमान वापस पाने के लिए एयरलाइन की पूर्व मालिक, ऋणदाताओं और समाधान पेशेवरों के साथ कानूनी लड़ाई से जूझ रहे थे।

First Published - May 3, 2024 | 9:40 PM IST

संबंधित पोस्ट