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NSE पर लिस्टेड कंपनियों में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी घटी

एफपीआई की शेयरधारिता का मूल्य 67.29 लाख करोड़ रुपये है जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों की शेयरधारिता का मूल्य 61.08 लाख करोड़ रुपये है।

Last Updated- May 06, 2024 | 9:49 PM IST
FPI Trend: Continuous selling by foreign investors stopped, buyers became buyers after two months, pumped Rs 15,446 crore into the market विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली का दौर थमा, दो महीने बाद बने खरीदार, बाजार में झोंके 15,446 करोड़ रुपये

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सूचीबद्ध कंपनियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024 की अंतिम तिमाही में 51 आधार अंक घटकर 17.68 फीसदी रह गई।

प्राइम डेटाबेस द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2012 के बाद एफपीआई की शेयरधारिता सबसे कम है। दिसंबर 2020 में एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में एफपीआई की हिस्सेदारी सबसे अधिक 21.21 फीसदी थी।

दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों की शेयरधारिता में इजाफा हुआ है। बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में एनएसई कंपनियों में घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 16.05 फीसदी रही जो दिसंबर 2020 के अंत में 13.58 फीसदी थी। विदेशी निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की शेयरधारिता में अंतर सिकुड़कर अब महज 1.63 आधार अंक रह गया है।

बाजार के भागीदारों का कहना है कि रूझान से पता चलता है कि घरेलू निवेशक देसी शेयरों पर अपनी पकड़ बना रहे हैं और विदेशी निवेशकों को पीछे छोड़ते हुए अब वे इनके भाव भी तय कर रहे हैं। एफपीआई और घरेलू निवेशकों की शेयरधारिता में सबसे ज्यादा अंतर मार्च 2015 में था। उस समय एनएसई कंपनियों में एफपीआई की हिस्सेदारी 20.7 फीसदी थी जबकि घरेलू निवेशकों की महज 10.38 फीसदी थी।

प्राइम डेटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, ‘वर्षों से एफपीआई देसी बाजार में सबसे बड़े गैर-प्रवर्तक शेयरधारक बने हुए हैं और उनके निवेश निर्णय से बाजार को व्यापक तौर पर दिशा मिलती रही है। जब विदेशी निवेशक बिकवाली करते थे बाजार में गिरावट आ जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। खुदरा निवेशकों के साथ ही घरेलू संस्थागत निवेशक अब बाजार में संतुलन कायम करने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं।’

प्राइम इन्फोबेस ने कुल बाजार पूंजीकरण से सभी श्रेणी के निवेशकों की शेयरधारिता के मूल्य को भाग देकर निवेशकों की हिस्सेदारी की गणना की है। एफपीआई की शेयरधारिता का मूल्य 67.29 लाख करोड़ रुपये है जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों की शेयरधारिता का मूल्य 61.08 लाख करोड़ रुपये है। घरेलू संस्थागत निवेशकों की कुल हिस्सेदारी में देसी म्युचुअल फंडों का आधा से ज्यादा का हिस्सा है। कुल बाजार पूंजीकरण में म्युचुअल फंडों की हिस्सेदारी 33.96 लाख करोड़ रुपये या 8.92 फीसदी है।

इस बीच बीते 31 मार्च, 2024 को प्रवर्तक के तौर पर सरकार की हिस्सेदारी सात साल के उच्च स्तर 10.38 फीसदी पर पहुंच गई। सार्वजनिक क्षेत्र के कई उपक्रमों के दमदार प्रदर्शन से सरकार की हिस्सेदारी बढ़ी है। दूसरी ओर निजी प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटकर 5 साल में सबसे कम 41 फीसदी रह गई।

First Published - May 6, 2024 | 9:39 PM IST

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