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कृषि क्षेत्र की शानदार वृद्धि दर

Last Updated- February 28, 2023 | 11:12 PM IST
India- Moldova to work together in agriculture field

वित्त वर्ष 2023 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान कृषि एवं संबंधित गतिविधियों का स्थिर मूल्य पर सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो अब तक की बेहतरीन वृद्धि दर है। राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक खरीफ की फसल बेहतर रहने के कारण जीवीए बढ़ने का अनुमान है।

वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों का स्थिर मूल्य पर जीवीए 2.3 प्रतिशत था।

इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मौजूदा भाव पर वृद्धि दर 8.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह पिछले वित्त वर्ष 2022 की समान अवधि के करीब बराबर ही है।

इस तरह से 4.9 प्रतिशत महंगाई दर का इस पर असर पड़ा है, जो वित्त वित्त वर्ष 23 में सबसे कम था। वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में महंगाई का असर कम हुआ है। सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें रीपो रेट में बढ़ोतरी से लेकर कर घटाने की कार्रवाई शामिल है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिंसों की कीमतें कम हुईं,उसका भी असर पड़ा है।

कुल मिलाकर इस वित्त वर्ष के दौरान कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में स्थिर मूल्य पर जीवीए करीब 3.2 प्रतिशत बने रहने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 22 में 3.5 प्रतिशत था।

बहरहाल वित्त वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) सत्र के खरीफ उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक खरीफ सीजन में चावल का उत्पादन करीब 1,080.7 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल की समान अवधि में हुए 1,110 लाख टन की तुलना में कम है।

पूर्वी भारत के प्रमुख धान उत्पादक इलाकों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सूखे जैसी स्थिति पैदा होने के कारण उत्पादन कम होने की उम्मीद लगाई गई थी।

हाल के अनुमानों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में गेहूं की फसल का उत्पादन रिकॉर्ड 1,121.8 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल की तुलना में 4.12 प्रतिशत ज्यादा है। गेहूं के रकबे में तेज बढ़ोतरी के कारण उत्पादन अधिक होने का अनुमान लगाया गया है।

First Published - February 28, 2023 | 11:12 PM IST

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