रकम के लेनदेन वाले ऑनलाइन खेलों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाए जाने के हालिया फैसले का असर प्लेस्टेशन, निन्टेंडो, फीफा ऑनलाइन और लीग ऑफ लीजेंड्स जैसे ई-स्पोर्ट्स तथा इलेक्ट्रॉनिक गेम्स पर नहीं पड़ेगा। उन पर पहले जैसा जीएसटी पर ही लगता रहेगा।
28 फीसदी की नई प्रस्तावित जीएसटी दर उन्हीं खेलों पर लागू होगी, जहां पैसे दांव पर लगाए जाते हैं और पैसे कमाने की गुंजाइश रहती है। इनमें फैंटसी खेल, रमी, पोकर आदि शामिल हैं।
ई-स्पोर्ट्स और वीडियो गेम पूरी तरह मनोरंजन के लिए
सरकारी अधिकारियों के अनुसार ई-स्पोर्ट्स और वीडियो गेम पूरी तरह मनोरंजन के लिए होते हैं और उनमें सट्टेबाजी तथा जुआ अथवा पैसे का लेनदेन नहीं होता। इसलिए ई-स्पोर्ट्स और वीडियो गेम पर पहले जितना ही कर लगेगा। पैसे के लेनदेन वाले ऑनलाइन गेम्स के लिए बनाए गए नियमों में मनोरंजन वाले खेलों को अलग रखा जाएगा।
मामले से वाकिफ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इसकी विस्तृत रूपरेखा में ऑनलाइन मनी गेमिंग जैसे शब्द खास तौर पर लिखे जाएंगे और यह भी बताया जाएगा कि कौन से गेम्स इस श्रेणी में आएंगे।’ खालिस मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले ई-स्पोर्ट्स और वीडियो गेम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। माइक्रोसॉफ्ट और एक्टिविजन ब्लिजर्ड जैसी प्रमुख कंपनियां ऐसे गेम्स देती हैं, जिनमें जुआ जैसी कोई बात नहीं होती।
सट्टेबाजी वाले ऑनलाइन गेम्स पर 1 अक्टूबर से 28 फीसदी जीएसटी लगेगा
जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में निर्णय लिया था कि पूरी तरह सट्टेबाजी वाले ऑनलाइन गेम्स पर 1 अक्टूबर से 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। सूत्रों ने बताया कि वीडियो गेम उद्योग की कुछ बड़ी कंपनियों ने इस पर स्पष्टता के लिए वित्त मंत्रालय का रुख किया ताकि इसमें शामिल शब्दावली के बारे में कोई भ्रम न रहे।
एक कंपनी ने सरकार के सामने जुए एवं सट्टेबाजी और ऐसी अन्य गतिविधियों के साथ ई-स्पोर्ट्स/गेम को बेवजह जोड़े जाने पर चिंता जताई। मोटा अनुमान है कि दुनिया भर में वीडियो गेम्स और ई-स्पोर्ट्स के 3 से 4 अरब खिलाड़ी मौजूद हैं। ई-स्पोर्ट्स को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मध्यस्थ दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमों द्वारा मान्यता दी गई है। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि कराधान उद्देश्यों के लिए भी इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए।
जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में ऑनलाइन गेमिंग की परिभाषा तय करने पर सहमति जताई थी। परिभाषा के अनुसार इंटरनेट अथवा इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर गेम देने वालों को ऑनलाइन गेमिंग कहते हैं, जिसमें ऑनलाइन मनी गेमिंग भी शामिल है।
दूसरी ओर ऑनलाइन मनी गेमिंग का अर्थ संभवतः ऐसे खेल हैं, जहां खिलाड़ी जीत की उम्मीद में रकम जमा कराता है। इसमें वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियां भी शामिल हैं।
ईवाई इंडिया के पार्टनर विपिन सपरा ने कहा, ‘जीएसटी कानून में ऑनलाइन मनी गेम और ऑनलाइन गेम में अंतर किए जाने से उद्योग को उन खेलों में 18 फीसदी कर चुकाने की इजाजत मिल जाएगी, जहां सट्टेबाजी या रकम जीतने की बात न हो।’ इसके अलावा कराधान क्षेत्र के बाहर के किसी व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन मनी गेमिंग के लिए भी कोई नया प्रावधान शामिल किए जाने की उम्मीद है। ऐसे व्यक्ति को एकीकृत जीएसटी के दायरे में रखा जाएगा।