facebookmetapixel
Corona Remedies IPO की दमदार लिस्टिंग, कमजोर बाजार में ₹1,470 पर एंट्री; हर लॉट पर ₹5712 का मुनाफाMessi in Delhi Today: फुटबॉल के ‘गॉड’ मेसी के स्वागत से पहले दिल्ली पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी, इन रास्तों पर रहेगा डायवर्जनएक साल में 44% तक रिटर्न! शेयरखान की BUY लिस्ट में ये 5 स्टॉक्सSydney’s Bondi Beach shooting: कौन हैं वे शूटर जिन्होंने हनुक्का उत्सव में फैलाई दहशत?Park Medi World IPO अप्लाई किया था; ऐसे चेक करें अलॉटमेंट स्टेटस; GMP क्या दे रहा संकेत2025 में सोना-चांदी ने कराई खूब कमाई, आगे की रणनीति पर एक्सपर्ट्स की राय44,000 उड़ानें! Air India पीछे क्यों रह गई, सर्दियों के शेड्यूल में IndiGo निकली आगेStock Market Update: शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत, सेंसेक्स 250 अंक गिरकर खुला; निफ्टी 26 हजार के नीचे फिसलासुरंग परियोजनाओं में अब ‘जोखिम रजिस्टर’ अनिवार्यNARCL की वसूली में दो गुना से अधिक उछाल, फंसे ऋणों का समाधान तेजी से

Delhi Crackers Ban: दीवाली में इस साल भी नहीं चलेंगे पटाखे, दिल्ली सरकार ने फिर लगाई पाबंदी

दिल्ली सरकार ने इस बार दीपोत्सव से दो महीने पहले ही पटाखे चलाने पर लगाई पाबंदी

Last Updated- September 11, 2023 | 11:47 PM IST
diwali

दिल्ली में इस साल भी दीवाली (Crackers)पर पटाखे नहीं चलेंगे क्योंकि दिल्ली सरकार ने एक बार फिर इन पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने दीवाली पर पटाखे चलने से प्रदूषण होने की बात कहते हुए आज प्रतिबंध की घोषणा कर दी। पिछले साल भी उसने दीवाली पर पटाखों का इस्तेमाल बंद कराया था।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में आज कहा, ‘दीवाली के समय पटाखे चलाने से दिल्ली की हवा बिगड़ जाती है। उसी समय पराली भी जलाई जाती है, जिससे प्रदूषण बढ़ जाता है। पटाखे चलने व पराली जलने से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक श्रेणी में चला जाता है। इसलिए प्रदूषण पर काबू करने के लिए दिल्ली सरकार ने इस दीवाली पर भी पटाखों पर पूर्ण पाबन्दी का फैसला किया है।’

ऑनलाइन बिक्री और डिलिवरी पर भी रोक

उन्होंने बताया कि पटाखों के भंडारण, बिक्री, निर्माण पर रोक के साथ ही दिल्ली पुलिस से कहा गया है कि पटाखों की दुकान के लिए लाइसेंस ही जारी नहीं किए जाएं। इनकी ऑनलाइन बिक्री और डिलिवरी पर भी रोक रहेगी। दीवाली से काफी पहले रोक लगाने की घोषणा इसलिए की गई क्योंकि इस समय दिल्ली पुलिस लाइसेंस देना शुरू कर देती है।

दिल्ली सरकार के इस फैसले पर राजधानी के सदर बाजार में किसी तरह की हलचल नहीं देखी गई। यह पटाखे का सबसे बड़ा थोक बाजार है, जहां से किसी समय समूचे उत्तर भारत और दूसरे हिस्सों में आतिशबाजी का माल जाता था। लेकिन पिछले कुछ साल से माहौल बदल गया है। सदर बाजार व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष राकेश कुमार यादव कहते हैं कि त्योहारों से ठीक पहले पटाखों पर प्रतिबंध लगाना पिछले कुछ साल से दिल्ली सरकार की नीति ही बन गई है।

उन्होंने बताया कि आम तौर पर कारोबारी जनवरी में ही पटाखों और आतिशबाजी के लिए ऑर्डर देना शुरू कर देते हैं। सितंबर और अक्टूबर में माल आने लगता है। मगर बार-बार रोक लगाए जाने और लाइसेंस रद्द किए जाने से कारोबारी खबरदार हो गए हैं और अब वे बड़े ऑर्डर ही नहीं देते हैं।

यादव कहते हैं, ‘अच्छा तो यही होता कि सरकार पटाखों पर हमेशा के लिए रोक लगा देती ताकि शहर के कारोबारियों को भी मदद मिलती क्योंकि वे इस कारोबार से अलग ही हो जाते और रकम नहीं फंसाते।’ मगर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली से सटे दूसरे इलाकों में पटाखे बेरोकटोक बिकते रहे हैं, जो मुश्किल बनी हुई है। इसलिए दिल्ली के आसपास भी राज्य सरकारों को पटाखों की बिक्री रोकने के लिए मिलकर काम करना चाहिए ताकि प्रतिबंध के पीछे का मकसद पूरा हो सके।

फायरवर्क्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता बताते हैं कि 2017 तक पटाखों का कारोबार 15 से 20 करोड़ रुपये था, जो अब बंद हो चुका है। अब दीवाली पर पटाखे नहीं बिकते, इसलिए कारोबारी भी ऑर्डर नहीं देते। पटाखा विक्रेताओं के सभी स्थायी लाइसेंस बहुत पहले ही रद्द कर दिए गए थे। पटाखा कारोबारी दूसरे काम करने लगे हैं। कई कारोबारी होजरी, सजावटी सामान और दूसरा माल बेचने लगे हैं। गुप्ता ने कहा कि जो भी पटाखे अब बिकते हैं, गैर कानूनी तरीके से बिकते हैं।

राय ने भी कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता देखकर 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने हरित पटाखे चलाने की ही इजाजत दी थी। मगर उनकी आड़ में दूसरे पटाखे भी चलते रहे। इसलिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 2020 में पटाखों पर पूरी रोक लगा दी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद पड़ोसी राज्यों में पटाखे चलते हैं, जिससे दिल्ली की हवा भी खराब हो जाती है। पड़ोसी राज्यों से चोरी छिपे पटाखे भी दिल्ली में आ जाते हैं। इसलिए पड़ोसी राज्यों से भी अपने यहां पटाखों पर पूर्ण रोक लगाने का आग्रह किया गया है। कम से कम उन शहरों में तो रोक लगनी ही चाहिए, जिनमें वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में रहता है।

हालांकि दिल्ली की हवा अब धीरे धीरे सुधर रही है। वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस साल जनवरी में बताया था कि 2018 से 2022 की अवधि में वर्ष 2022 के जनवरी, फरवरी और दिसंबर महीने दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के मामले में सबसे अच्छे रहे। इसके बाद उसी साल के जुलाई, अक्टूबर और नवंबर महीने दूसरे सबसे अच्छे दैनिक औसत एक्यूआई वाले महीने रहे। इन महीनों में वर्ष 2020 और 2021 में कोविड के कारण काफी कुछ ठप रहा था, जिससे हवा की गुणवत्ता ठीक रही।

विभाग की इस विज्ञप्ति में दीवाली के आसपास तीन दिनों के लिए दी गई एक्यूआई तालिका से संकेत मिलता है कि दीवाली के आसपास दिल्ली का एक्यूआई पहले कभी इतना बेहतर नहीं था, जितना वर्ष 2022 में था।

दिल्ली में वर्ष 2019 में दीवाली के पहले दिन एक्यूआई 287 था, जो दीवाली के दिन बढ़कर 337 और दीवाली के अगले दिन 368 हो गया। इसकी तुलना में वर्ष 2022 में दीवाली से पहले वाले दिन एक्यूआई 259 था, जो दीवाली के दिन बढ़कर 312 और अगले दिन गिरकर 303 रह गया। इस तरह पटाखों पर प्रतिबंध शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने का एक प्रभावी तरीका रहा।

विंटर एक्शन प्लान पर विशेषज्ञों के साथ बैठक कल

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए विंटर एक्शन प्लान बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पर मंगलवार को पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ बैठक हो रही है। विशेषज्ञों से प्रदूषण कम करने लिए राय ली जाएगी और उनकी राय को विंटर एक्शन प्लान में शामिल किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री राय ने कहा कि इस बैठक के बाद सरकार 14 सितंबर को दिल्ली के संबंधित सभी विभागों की बैठक करेगी।

First Published - September 11, 2023 | 11:47 PM IST

संबंधित पोस्ट