सीजन के लिहाज से वर्ष 2022-23 (वित्त वर्ष 23) की जनवरी से मार्च तक की मजबूत तिमाही (चौथी तिमाही) के दौरान निर्माण गतिविधि में तेजी की उम्मीद के बावजूद विश्लेषक भवन निर्माण सामग्री क्षेत्र के संबंध में सतर्क रूप से आशावान हैं, जिसमें पेंट, पाइप, लकड़ी के पैनल, टाइल, धातु और सीमेंट शामिल हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनपुट की अस्थिर लागत, वैश्विक मंदी के डर के साथ मिलकर मांग के अनुमानों को अनिश्चित बना रही है।
इस पृष्ठभूमि के मद्देनजर विश्लेषकों का सुझाव है कि निवेशक सावधान रहकर चुनाव करें और मजबूत ब्रांड रिकॉल, विस्तृत हो रहे वितरण नेटवर्क, विविधतापूर्ण उत्पाद प्रोफाइल, ज्यादा दमदार बहीखाते और टिकाऊ नकदी प्रवाह वाली कंपनियों के शेयरों को चुनें।
राइट हॉरिजंस के संस्थापक और फंड प्रबंधक अनिल रेगो ने कहा कि बजट 2023-24 (वित्त वर्ष 24) के तहत सरकार के विभिन्न प्रस्तावों से अगले पांच साल में भवन निर्माण सामग्री खंड में आठ से 12 प्रतिशत के बीच इजाफा हो सकता है। हालांकि आपूर्ति श्रृंखला में बाधा, प्रमुख इनपुट सामग्री की कीमत में वृद्धि, घरेलू रियल एस्टेट में मंदी, चालू होने में विलंब या नई क्षमताओं की धीमी रफ्तार से वृद्धि में देर हो सकती है।
इस बीच पूंजीगत व्यय के लिए बजट आवंटन को वित्त वर्ष 24 के लिए बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह 7.5 लाख करोड़ रुपये था।
प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये किफायती आवास के लिए आवंटन भी वित्त वर्ष 24 के लिए बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो वित्त वर्ष 23 के लिए 48,000 करोड़ रुपये था। प्रभुदास लीलाधर की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र 10 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ वर्ष 2008 के 50 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2017 में 120 अरब डॉलर हो गया तथा वर्ष 2030 तक 17.7 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
ब्रोकरों ने कहा कि चूंकि आवास भवन सामग्री की मांग का सीधा संबंध रियल एस्टेट बाजार की वृद्धि से होता है, इसलिए संबद्ध क्षेत्र का संयुक्त बाजार आकार वर्ष 2025-26 तक 2.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जो वर्ष 2021-22 में 1.3 लाख करोड़ रुपये था।
हालांकि भू-राजनीतिक तनावों के बीच इनपुट की अस्थिर लागत निकट भविष्य के दृष्टिकोण को धुंधला कर सकती है। विभिन्न कंपनियों के बीच प्लास्टिक पाइप वाली कंपनियां ब्रोकरों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली कंपनियां हैं क्योंकि वे प्लास्टिक पाइप और फिटिंग से परे नवोन्मेष, उत्पाद की शुरुआत बाजार के अवसरों पर जोरदार ढंग से ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
ऐस्ट्रल पाइप्स ने बाथवेयर उद्योग में प्रवेश किया है, जिसका बाजार आकार 15,000 करोड़ रुपये है, जबकि प्लास्टिक पाइप बाजार का आकार 38,500 करोड़ रुपये है।
प्रिंस पाइप्स ऐंड फिटिंग्स ने भी इस कैलेंडर वर्ष की मार्च-अप्रैल अवधि तक अपने बाथवेयर उत्पाद पोर्टफोलिया की पेशकश का अनुमान जताया है।
प्रभुदास लीलाधर ने कहा कि कुल प्लास्टिक पाइप बाजार में संगठित कंपनियों की हिस्सेदारी 67 प्रतिशत बैठती है। यह उद्योग वर्ष 2014-15 और वर्ष 2019-20 के बीच 10 से 12 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ बढ़ा है। मांग में वर्ष 2020-21 और 2024-25 के बीच 12-14 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ इजाफा होने की उम्मीद है, जो सिंचाई, जलापूर्ति और स्वच्छता परियोजनाओं, शहरी बुनियादी ढांचे तथा प्रतिस्थापन मांग के लिए सरकारी व्यय में में वृद्धि के बीच वित्त वर्ष 25 तक 60,000 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच जाएगी।