facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

अगले साल से कार खरीदना हो जायेगा महंगा! कार कंपनियों की दाम बढ़ाने की तैयारी

डीलरों के पास जिन वाहनों का ज्यादा स्टॉक बिके बगैर पड़ा है, उन पर छूट भी दी जा रही है लेकिन एसयूवी पर किसी तरह की छूट नहीं मिल रही है। 

Last Updated- November 28, 2023 | 12:04 AM IST
Audi Sales: Audi India's sales speed up by 97 percent in the first half

अगले साल जनवरी से कार खरीदना थोड़ा महंगा हो सकता है। लागत बढ़ने तथा महंगाई बढ़ने के कारण कम से कम तीन बड़ी वाहन कंपनियां जनवरी से दाम बढ़ाने की योजना बना रही हैं।

मारुति सुजूकी इंडिया (Maruti Suzuki) ने आज घोषणा की कि वह जनवरी से अपनी कारों के दाम बढ़ाएगी। इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों के मामले में देश की अव्वल कंपनी टाटा मोटर्स भी अपनी दोनों तरह की गाड़ियों के दाम बढ़ाने पर विचार कर रही है। मगर उन्होंने यह नहीं बताया कि कीमत कितनी बढ़ाई जाएंगी।

लक्जरी कारों की जमात के लिए यह साल अभी तक काफी अच्छा रहा है और इस श्रेणी की वाहन कंपनियां भी दाम बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। जर्मनी की लक्जरी कार कंपनी ऑडी इंडिया ने कहा कि वह जनवरी से अपनी सभी कारों के दाम 2 फीसदी तक बढ़ा देगी। मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की कि कंपनी जनवरी से दाम बढ़ाने पर विचार कर रही है।

जिंसों के दाम में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति के दबाव के कारण बढ़ी हुई लागत का बोझ कम करने के लिए कार कंपनियां दाम बढ़ा रही हैं।

मारुति सुजूकी ने नियामकीय जानकारी में कहा, ‘जिंसों के दाम में वृद्धि और मुद्रास्फीति का दबाव देखते हुए कंपनी ने अगले साल जनवरी से अपनी कारों के दाम बढ़ाने की योजना बनाई है।’

मारुति ने कहा कि कंपनी ने लागत कम करने के हरसंभव प्रयास किए हैं और इसका भार अभी तक ग्राहकों पर नहीं डाला है लेकिन अब कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी की जा सकती है। मगर कारों की कीमतों में इजाफा अलग-अलग होगा।

इस बीच टाटा मोटर्स (Tata Motors) के प्रवक्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम जनवरी से अपने यात्री वाहनों और इलेक्ट्रिक कारों के दाम बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। कुछ ही हफ्तों में बता दिया जाएगा कि दाम कितने बढ़ाए जाएंगे।’

मारुति सुजूकी के वरिष्ठ कार्याधिकारी (मार्केटिंग एवं सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि जिंसों के दाम में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। स्टील के दाम जुलाई से बढ़ रहे हैं और महंगाई भी है। इन सभी के कारण उत्पादन लागत में इजाफा देखते हुए कंपनी कारों के दाम बढ़ाने का निर्णय करेगी। मारुति ने इस साल अप्रैल में अपनी कारों के दाम 0.8 फीसदी बढ़ाए थे।

ऑडी इंडिया (Audi India) की बात करें वह 1 जनवरी से अपने सभी कारों की कीमतों में 2 फीसदी तक बढ़ोतरी करेगी। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा, ‘स्थायी कारोबारी मॉडल का फायदा लेना ऑडी इंडिया की रणनीति का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और हम अपने ग्राहकों को श्रेष्ठ उत्पाद प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपूर्ति श्रृंखला की लागत और परिचालन लागत बढ़ने के कारण हमने अपनी कारों के दाम बढ़ाने का निर्णय किया है।’

साल के पहले 9 महीनों में ऑडी इंडिया की बिक्री 88 फीसदी बढ़कर 5,530 कार रही। उसके एसयूवी मॉडलों की बिक्री में 187 फीसदी की वृद्धि देखी गई। पिछले साल कंपनी 4,187 कार बेची थीं।

मर्सिडीज बेंज इंडिया की बिक्री भी जनवरी से सितंबर के बीच 11 फीसदी बढ़कर 12,768 वाहन रही। कंपनी की कुल बिक्री में उसकी महंगी कारों (1.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत) की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी रही।

डीलरों का कहना है कि दिसंबर में भी बिक्री की रफ्तार बनी रहने की उम्मीद है। वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ‘इस साल कृषि उपज पिछले साल से अच्छी रही है और चुनावी राज्यों में बेहतर न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों को उपज के अच्छे दाम मिले हैं। ऐसे में आगे भी वाहनों की बिक्री तेज बनी रहने की उम्मीद है।’

डीलरों के पास जिन वाहनों का ज्यादा स्टॉक बिके बगैर पड़ा है, उन पर छूट भी दी जा रही है लेकिन एसयूवी पर किसी तरह की छूट नहीं मिल रही है।

First Published - November 27, 2023 | 10:40 PM IST

संबंधित पोस्ट