हैदराबाद की टीका निर्माता भारत बायोटेक ने सोमवार को कहा कि उसने अपने एंटी-रेबीज टीके चिरोराब के बैच को स्वेच्छा से वापस लेना शुरू किया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा है, ‘हमने चिरोराब के बैच नंबर 4188 को स्वेच्छा से वापस लिए जाने का निर्णय लिया है। यह कदम कर्नाटक में एक शिपिंग सेवा प्रदाता से चिरोराब की चोरी के कारण उठाया गया है।’
बयान में कहा गया है कि कंपनी ने बैच 4188 की जांच करने के बाद ही जारी किया था, लेकिन कुछ खेपों की चोरी हो गई, जिसकी वजह से कोल्ड चेन स्टोरेज की स्थिति को लेकर आशंका गहरा गई है। टीके के पूरे बैच को वापस मंगाने का काम शुरू हो गया है।
कंपनी ने कहा है, ‘हम ‘प्रिंसीपल ऑफ एबंडेंट प्रीकॉशन’ के अनुरूप यह स्वेच्छिक कदम उठा रहे हैं और मरीजों की सुरक्षा तथा लोगों को हितों का ध्यान रख रहे हैं।’
बयान में कहा गया है, ‘कंपनी ने अनुरोध किया है कि जिस बैच 4188 की बिक्री नहीं की गई हो उसे कंपनी को वापस कर दिया जाए। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से अनुरोध है कि वे बैच 4188 वाले चिरोराब टीके का इस्तेमाल नहीं करें।’
टीका वापसी का कार्य चिरोन बेहरिंग वैक्सींस द्वारा शुरू कर दिया गया है। चिरोन बेहरिंग वैक्सींस को मार्च 2019 में भारत बायोटेक ने जीएसके से खरीदा था। नवंबर 2019 में, चिरोन बेहरिंग वैक्सींस रेबीज वैक्सीन चिरोराब फिर से पेश की, जिसे पहले रबीपुर के तौर पर बेचा जा रहा था। इस टीके का निर्माण गुजरात के अंकलेश्वर में डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यताप्राप्त संयंत्र में किया जा रहा है।
चिरोराब की आपूर्ति निविदा प्रक्रिया के जरिये सरकारी अस्पतालों को की जाती है तथा कई देशों को इसका निर्यात भी होता है।
अंकलेश्वर संयंत्र हर साल रेबीज की 1.5 करोड़ खुराक तैयार कर सकता है। अगस्त 2021 में, भारत बायोटेक ने अंकलेश्वर संयंत्र से कोवैक्सीन टीका वाणिज्यिक तौर पर पेश किया था।