एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लाभदायक यूनिकॉर्न (Unicorn) की संख्या वित्त वर्ष 2022 के 30 से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 में 55 होने का अनुमान है, क्योंकि रकम जुटाने में मंदी के बीच कंपनियां लाभप्रदता बनने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
कंसल्टिंग फर्म रेडसीर स्ट्रेटजी कंसल्टेंट्स द्वारा 100 यूनिकॉर्न के विश्लेषण के अनुसार, समान अवधि में वर्तमान में घाटे में काम कर रहीं कंपनियों का कुल घाटा 1.7 अरब डॉलर से लेकर 1.9 अरब डॉलर तक जाने की आशंका है।
लगभग 50 फीसदी यूनिकॉर्न, जो एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य की निजी कंपनियां हैं उनके वित्त वर्ष 2027 तक लाभदायक बनने की उम्मीद है। जबकि, नियामकीय चुनौतियों, घटती मांग और अस्पष्ट कारोबारी मॉडल होने के कारण 20 फीसदी कंपनियों को संघर्ष करना पड़ सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नकारात्मक मार्जिन वाले यूनिकॉर्न हैं। इनकी फंडिंग में बदलाव, मूल्यांकन में गिरावट और कम विकास प्रक्षेपवक्र देखने की उम्मीद है, इसलिए या तो ये नए मॉडल की ओर बढ़ सकते हैं या फिर अधिग्रहण करने या पूरी तरह से बंद होने का अनुमान जताया जा रहा है।
भारत में लगभग 100 यूनिकॉर्न और 400 से कम सार्वजनिक कंपनियां हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 1 अरब डॉलर से अधिक है।