यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री अगस्त 2020 में 7.12 फीसदी घटकर 1,78,513 वाहन रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,91,189 वाहन रही थी। दोपहिया वाहनों की बिक्री भी महीने के दौरान 28.81 फीसदी घटकर 8,98,775 वाहन रह गई जो अगस्त 2019 में 12,60,722 वाहन रही थी।
महीने के दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 57.39 फीसदी घटकर 26,536 वाहन रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 62,270 वाहन रही थी। पिछले महीने ट्रैक्टर एकमात्र ऐसी श्रेणी रही जहां बिक्री में बढ़ोतरी हुई। महीने के दौरान ट्रैक्टरों की बिक्री 27.80 फीसदी बढ़कर 67,406 ट्रैक्टर हो गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 52,744 ट्रैक्टरों का रहा था।
डीलरों ने कहा है कि कुल मांग अभी भी कोविड से पहले के स्तर तक नहीं पहुंच पाई है क्योंकि बैंक और एनबीएफसी फाइनैंस के लिए काफी सतर्क रुख अपना रहे हैं। वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि त्योहारी सीजन की शुरुआत और सरकार द्वारा बाजार को खोलने के लिए किए जा रहे प्रयासों के कारण अगस्त में पिछले महीनों के मुकाबले अच्छी बिक्री हुई। अगस्त में सभी मोर्चें पर गिरावट थमती दिखी लेकिन सालाना आधार पर ट्रैक्टर के अलावा सभी श्रेणियों में गिरावट जारी रही लेकिन उसकी रफ्तार कम हुई।
गुलाटी ने कहा, ‘यात्री वाहन श्रेणी में पिछले पांच महीनों की लगातार गिरावट के बाद अब वह घटकर एकल अंक में दिख रही है। अपनी खरीद योजना को टालने वाले ग्राहकों ने अंतत: जन्माष्टमी और गणेश चुतुर्थी के बाद शुरू हुए त्योहारी सीजन में खरीदारी करने लगे हैं। प्रवेश स्तर के यात्री वाहनों की सबसे अधिक मांग है क्योंकि लोग मौजूदा वैश्विक महामारी के दौर में सार्वजनिक परिवहन के बजाय व्यक्तिगत मोबिलिटी को प्राथमिकता दे रहे हैं।’
अब तक सुधार के संकेत दिखने वाले ग्रामीण बाजार के अलावा शहरी बाजारों में भी पहली बार मांग में सुधार के शुरुआती संकेत दिखे हैं। सरकारी खर्च में ग्रामीण विकास एवं कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दिए जाने के अलावा अच्छे मॉनसून और अच्छी बुवाई से भी ट्रैक्टरों और छोटे वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री को बल मिला। साथ ही यात्री वाहनों की बिक्री पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ा।
