facebookmetapixel
Edelweiss MF ने लॉन्च किए 2 नए ETFs, ₹5,000 से निवेश शुरू; सेंसेक्स और निफ्टी-50 पर नजरदेव दीपावली पर वाराणसी पहुंचेंगे 10 लाख से ज्यादा पर्यटक, होटलों की बुकिंग फुलDefence PSU Stock: ₹74,500 करोड़ की ऑर्डरबुक, 5 साल में 1300% रिटर्न; ब्रोकरेज ने अब बढ़ाया टारगेट प्राइसभारत बनेगा सौर ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब, FY28 तक ₹69,000 करोड़ निवेश का अनुमानAngle One AMC ने उतारा देश का पहला स्मार्ट बीटा फंड, ₹1,000 की SIP से शुरू करें निवेशLenskart IPO: 5 घंटे से कम में ही फुली सब्सक्राइब्ड, वैल्यूएशन पर छिड़ी बहस; एनालिस्ट बोले- स्केल है, जरूरी नहीं वैल्यू मिलेMaruti Suzuki शेयर में बड़ा मौका! ₹20,000 तक जा सकता है दाम – 4 में से 3 ब्रोकरेज बोले, ‘खरीदो’HUDCO से लेकर Force Motors तक, इन 5 शेयरों में 23% तक की तेजी के संकेत – चार्ट में दिखा ब्रेकआउट6-9 महीने के लिए पोर्टफोलियो में रख लें ये दिग्गज IT Stock, मिल सकता है दमदार रिटर्न3-4 हफ्तों में इन 3 शेयरों पर बन सकता है 17% तक मुनाफा, टेक्निकल चार्ट में दिखा ब्रेकआउट

मौसम के पूर्वानुमान में बढ़ेगा AI का उपयोग

सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट के आकलन के अनुसार, इस साल चरम मौसम परिस्थितियों के कारण करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई है।

Last Updated- December 22, 2023 | 10:56 PM IST
Artificial intelligence

बेमौसम बारिश, बाढ़ और सूखे जैसी मौसम परिस्थितियों के मद्देनजर मौसम संबंधी पूर्वानुमान में सटीकता लाने के लिए भारत आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित जलवायु मॉडल का परीक्षण कर रहा है।

मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। हाल के वर्षों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम परिस्थितियों में कई बड़े बदलाव हुए हैं जिससे मौसम संबंधी चरम घटनाओं में वृद्धि हुई है।

सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट के आकलन के अनुसार, इस साल चरम मौसम परिस्थितियों के कारण करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई है।

दुनिया भर की मौसम एजेंसियां अब एआई पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे लागत में कमी आ सकती है और गति भी बढ़ सकती है। ब्रिटेन के मौसम विभाग कहना है कि इससे मौसम पूर्वानुमान में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।

मौसम का सटीक पूर्वानुमान भारत जैसे देश के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। 1.4 अरब लोगों के देश में बड़ी संख्या में गरीब लोग हैं और यह चावल, गेहूं और चीनी का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हैं।

अभी भारतीय मौसम विभाग सुपर कंप्यूटर से गणितीय मॉडल के आधार पर पूर्वानुमान निकालता है। एआई के उपयोग से कम लागत में बेहतर गुणवत्ता वाले पूर्वानुमान निकालने में मदद मिल सकती है।

मौसम विभाग में जलवायु अनुसंधान और सेवाओं के प्रमुख केएस होसालिकर ने रॉयटर्स को बताया कि विभाग जो एआई आधारित मॉडल तैयार कर रहा है उससे उम्मीद है कि बेहतर पूर्वानुमान तैयार होंगे।

होसालिकर ने कहा कि मौसम विभाग ने लू और मलेरिया जैसी बीमारियों के बारे में सार्वजनिक अलर्ट के लिए एआई का उपयोग किया है।

उन्होंने कहा कि इसकी योजना मौसम वेधशालाओं को बढ़ाने, ग्रामीण स्तर तक आंकड़े देने और संभावित रूप से पूर्वानुमानों के लिए आंकड़े प्रदान करने की है।

First Published - December 22, 2023 | 10:53 PM IST

संबंधित पोस्ट