अगर आप इस साल त्योहारों पर कार खरीदने की सोच रहे हैं और आपको उम्मीद है कि कंपनियां अपनी गाडिय़ों पर भारी छूट या तोहफे देंगी तो आपके हाथ मायूसी ही लग सकती है। कोविड-19 महामारी के हिचकोलों से बेजार कार कंपनियां इस बार बिक्री बढ़ाने वाली त्योहारी छूट और दूसरे तोहफों से तौबा कर सकती हैं।
इस बार कंपनियों की योजना कुछ अलग है। वे ग्राहकों को लुभाने के लिए गाडिय़ों पर कर्ज की आकर्षक योजनाएं और बेहतर डिजिटल सहूलियत लाने के बारे में सोच रही हैं। कार कंपनियां अमूमन गणेश चतुर्थी से दीवाली तक जमकर बिक्री करती हैं। उनकी साल भर की बिक्री में 17 से 19 फीसदी योगदान इसी दौरान हुई बिक्री का होता है। जाहिर है, इतने कम समय में इतनी अधिक बिक्री की वजह से ये त्योहार कंपनियों के लिए बेहद अहमियत रखते हैं।
मगर इस बार माजरा अलग ही है। कार कंपनियों के अधिकारी और प्रतिनिधि कह रहे हैं कि इस साल काफी कठिन दौर चल रहा है। मारुति सुजूकी इंडिया के कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव कहते हैं, ‘कार कंपनियों को इस बार त्योहारों पर बिक्री बढ़ाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। इस बार छूट या दूसरे ऑफरों की गुंजाइश नहीं के बराबर है, इसलिए कार कंपनियों को बिक्री बढ़ाने के लिए नए तरीके तलाशने और आजमाने पड़ेंगे।’
श्रीवास्तव यह भी कहते हैं कि त्योहार अच्छी तरह से गुजारने के लिए कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि जून से बिक्री में आई रफ्तार को बकरार रखा जाए और पहले से ज्यादा तेजी दी जाए। मगर दिक्कत यह है कि यह सारा काम उन्हें पिछले साल के मुकाबले बेहद कम बजट में करना पड़ेगा क्योंकि महामारी की चोट खाई कंपनियां ज्यादा से ज्यादा नकदी अपने पास रखना चाहती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों के सामने न केवल पहली तिमाही में हुए नुकसान की भरपाई करने की चुनौती है बल्कि पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी त्योहारों पर जमकर कारें बेचने का दबाव है। इस दौर में यह गंभीर चुनौती है क्योंकि ग्राहक भी आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोच विचार कर खरीदारी कर रहे हैं।
फिर भी कंपनियां अपनी ओर से भरसक कोशिश कर रही हैं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति त्योहारों पर कोई नया मॉडल शायद ही उतारेगी मगर कंपनी कार के लिए कर्ज लेने की सुविध पूरी तरह डिजिटल करने की तैयारी में है। इससे ग्राहकों को कर्ज लेने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ेगा। उसके बजाय घर बैठे ही सब कुछ हो जाएगा और ग्राहक को कर्ज मिल जाएगा यानी कर्ज की योजना चुनने से लेकर उसकी मंजूरी और रकम के आवंटन तक सब कुछ डिजिटल तरीके से होगा।
श्रीवास्तव कहते हैं, ‘कार कंपनियां अभी तक कर्ज से जुड़े झंझटों और तामझाम से दूर रहती आई हैं।’ यही वजह थी कि ग्राहकों को पहले कर्ज मंजूर कराने के लिए बैंक तक जाना पड़ता था। मगर श्रीवास्तव ने बताया कि अब ई-फाइनैंस विकल्प के तहत घर बैठे ही कर्ज हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस नई योजना का परीक्षण भी शुरू हो गया है।
परामर्श फर्म पीडब्ल्यूसी में पार्टनर एवं लीडर कवन मुख्त्यार का कहना है कि कार कंपनियों के सामने इस त्योहारी सत्र में कारों की बिक्री पटरी पर लाने की एक कठिन चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले कारों की बिक्री 20 फीसदी कम रहेगी, लेकिन त्योहारों पर कारोबार बढिय़ा रहा तो कंपनियां कुछ हद तक भरपाई कर लेंगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि रुकी बिक्री फिर शुरू होने और महामारी के इस दौर में निजी वाहन की जरूरत बढऩे के कारण जून से वाहनों की बिक्री में थोड़ी तेजी दिखी है। विश्लेषकों और वाहन उद्योग के लोगों के अनुसार इस वजह से भी कार कंपनियां त्योहारों में बिक्री बढ़ाने के लिए ज्यादा हाथ-पांव मारने की जरूरत नहीं है।महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के मुख्य कार्याधिकारी (वाहन खंड) विजय नाकरा कहते हैं, ‘वाहनों की मांग में काफी हद तक तेजी दिखी है। इसलिए हमें अतिरिक्त छूट एवं प्रोत्साहन आदि देने की जरुरत महसूस नहीं हो रही है। हमें तो यह लग रहा है कि वाहन उद्योग में ग्राहकों के लिए ऑफर कमोबेश एक समान या पिछले वर्ष से कम ही रहेंगे।’ हुंडई मोटर इंडिया में निदेशक (बिक्री एवं विपणन) तरुण गर्ग कुछ अधिक उत्साहित हैं। वह कहते हैं, ‘हमारे लिए इस वर्ष त्योहारी मौसम काफी पहले शुरू हो गया।’ दरअसल उनका इशारा कंपनी के क्रेटा, वेरना और ऑरा समेत नए मॉडलों को ग्राहकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की ओर था। गर्ग ने कहा कि अगस्त में हुंडई बिक्री के मामले में पिछले साल के औसत के बराबर पहुंच गई है और अब बिक्री खुद-ब-खुद हो रही है। इसलिए कुछ और करने की जरूरत ही नहीं है।
