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Tata Motors: छोटी गाड़ी पर बैठकर दूरदराज तक दौड़ेगी टाटा मोटर्स, इस तरह का पहला कमर्शियल वाहन उतारेगी कंपनी

वाघ 2001 में जब केवल 29 साल के थे तो उन्होंने टाटा एस का इक्का पेश किया था ताकि बजाज ऑटो, महिंद्रा और पियाजियो के तिपहिया वाहनों के दबदबे वाले बाजार को निशाना बनाया जा सके।

Last Updated- August 06, 2024 | 10:25 PM IST
Tata Motor mini truck 'Ace'
Representative Image

Tata Motors’ Sub-600 kg mini-truck: वा​णि​ज्यिक वाहन बनाने के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स 600 किलोग्राम से कम वजन वाला पहला वाणिज्यिक वाहन उतारने की तैयारी कर रही है। इसे टाटा एस के ठीक नीचे की श्रेणी में रखा जाएगा क्योंकि कंपनी को दूरदराज के क्षेत्रों के लिए कने​क्टिविटी में अवसर दिख रहा है। ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से इसकी जबरदस्त मांग दिख रही है।

टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘ई-कॉमर्स के एक केंद्र से दूसरे केंद्र तक मालढुलाई 19 टन के मझोले वाणिज्यिक वाहनों के जरिये होती है। कुछ लोग 28 टन के वाहनों का भी उपयोग करते हैं, जो तीन एक्सल वाला ट्रक होता है। मगर दूरदराज के इलाकों तक डिलिवरी के लिए छोटे वाहन ही इस्तेमाल किए जाते हैं। उसी मांग का फायदा उठाने के लिए हमने 600 किलो से कम भार का वाहन उतारने का निर्णय लिया है। अभी हम 600 किलो के वाहन (टाटा एस) से शुरुआत कर रहे हैं।’

वाघ ने कहा, ‘एस के प्लेटफॉर्म को हम हम 600 किलो वजन के साथ शुरू कर चुके हैं। हम इससे नीचे की श्रेणी का भी पता लगाएंगे। हम देख रहे हैं कि तिपहिया वाहनों और इले​क्ट्रिक वाहनों के साथ क्या किया जा सकता है। एस से नीचे की श्रेणी में कुछ दिलचस्प संभावनाएं हैं।’ उन्होंने कहा कि इस श्रेणी में तिपहिया उतारने की हमारी योजना नहीं है क्योंकि चार पहिये वाले हमारे वाहन सुर​क्षित और हमारे ब्रांड के लिहाज से उपयुक्त होते हैं।

टाटा मोटर्स ने यह नहीं बताया कि नया वाहन बाजार में कब तक उतारा जाएगा। कंपनी का कहना है कि फिलहाल वह योजना एवं विकास के चरण में है। कंपनी ने टाटा एस को 2005 में उतारा था और कुछ समय में ही उसने दूरदराज तक डिलिवरी के मामले में भारतीय बाजार में क्रांति ला दी थी। यह 23 लाख से अ​धिक उद्यमियों का पसंदीदा वाहन बन चुका है और देश का इकलौता सबसे बड़ा वाणि​ज्यिक वाहन ब्रांड है।

वाघ 2001 में जब केवल 29 साल के थे तो उन्होंने टाटा एस का इक्का पेश किया था ताकि बजाज ऑटो, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और पियाजियो के तिपहिया वाहनों के दबदबे वाले बाजार को निशाना बनाया जा सके। टाटा मोटर्स का नया मॉडल भी छोटे वा​णि​ज्यिक वाहन (एससीवी) बजार में तिपहिया वाहनों के वर्चस्व को टक्कर देगा।

वाघ ने कहा, ‘तिपहिया वाहन बीएस4 मानक के थे, जबकि लोग चार पहिये वाले वाहनों की ओर रुख कर रहे थे। इससे एस ज्यादा से ज्यादा संख्या में बिकने लगे। बीएस4 से बीएस6 में बदलाव होने पर एस की कीमत 30 फीसदी बढ़ गई जबकि तिपहिया श्रेणी में दाम महज 15 फीसदी बढ़े। इसलिए कुछ ग्राहक तिपहिया की ओर लौटने लगे।’

एससीवी में मिनी ट्रक, छोटे पिकअप और बड़े पिकअप वाहन आते हैं और मांग में वृद्धि के लिहाज से सबसे बड़ी चुनौती मिनी ट्रक श्रेणी में है। एस डीजल बीएस4 जमाने का वाहन है और टाटा मोटर्स के पोर्टफोलियो में उसकी हिस्सेदारी 70 से 75 फीसदी थी, जिसमें तेजी से गिरावट आई।

टाटा मोटर्स अपने एससीवी पोर्टफोलियो के लिए बहुआयामी रणनीति के साथ वापसी की योजना बना रही है। एससीवी श्रेणी में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 35.6 फीसदी थी, जो चौथी तिमाही में 33 फीसदी ही रह गई।

कंपनी पहली बार गाड़ी खरीदने वालों के लिए कर्ज के आसान विकल्प देने पर भी ध्यान दे रही है। बिक्री के लिए कंपनी अब बी2बी के बजाय बी2सी पर जोर दे रही है।

First Published - August 6, 2024 | 10:11 PM IST

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