भारी दुर्लभ खनिज मैग्नेट की वैश्विक किल्लत से भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का उत्पादन कम हो गया है। देश का इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग तेजी से मैग्नेट-मुक्त मोटर डिजाइन की तैयारी में लगा है और असेंबली लाइनों को चालू रखने के लिए स्रोतों में विविधता ला रहा है।
प्रमुख कंपनियों में बजाज ऑटो पहले ही जुलाई में उत्पादन में 50 प्रतिशत तक की कमी कर चुकी है। उसने आगाह किया कि अगस्त और सितंबर में भी कटौती जारी रह सकती है। हीरो मोटोकॉर्प ने कहा है कि उसने दूसरी तिमाही के दौरान गैस-तेल इंजन वाले वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) दोनों ही मॉडलों की आपूर्ति सुनिश्चित करने का इंतजाम कर लिया है।
टीवीएस ने संकेत दिया है कि वह स्थानीय स्तर पर हासिल बड़े आकार के मैग्नेट के जरिये दैनिक उत्पादन को संभाल रही है। इस सेक्टर की नई कंपनियों में से एथर के मुख्य कार्य अधिकारी तरुण मेहता ने स्पष्ट किया कि हालांकि उत्पादन पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है, लेकिन आपूर्ति में कमी से दूसरी तिमाही में सौदों की मांग पूरी करने पर असर पड़ रहा है।
उत्पादन में नरमी की बात स्वीकार करते हुए बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने आय परिणामों के बाद की बातचीत में कहा, ‘हमारे उत्पादन में गिरावट जून के अंत में शुरू हुई। जुलाई में उत्पादन में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई। हमें अगस्त में शून्य उत्पादन की आशंका दिख रही थी, लेकिन यह कुछ बेहतर रहेगा, हालांकि अब भी योजना का 50 से 60 प्रतिशत ही रहेगा।’
दुर्लभ खनिज मैग्नेट इलेक्ट्रिक वाहनों के मोटर उत्पादन के लिए अहम होती हैं और चीन वैश्विक दुर्लभ खनिज उत्पादन का 60 प्रतिशत उत्पादित करता है और 90 प्रतिशत शोधन क्षमता पर उसका नियंत्रण है।
टीवीएस मोटर के मुख्य कार्य अधिकारी और निदेशक के एन राधाकृष्णन ने कहा कि कंपनी उपलब्ध स्टॉक और स्थानीय स्तर पर हासिल बड़े आकार के मैग्नेट के जरिये दैनिक उत्पादन का इंतजाम कर रही है और साथ ही वैकल्पिक रणनीतियों को भी तलाश रही है।
उन्होंने कहा, ‘मध्य से दीर्घकालिक अवधि में हम भारी दुर्लभ खनिज धातुओं से मुक्त, फेराइट पर आधारित, मैग्नेट मुक्त डिजाइनों पर काम कर रहे हैं और वैकल्पिक देशों से आपूर्ति कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य मैग्नेट के संबंध में अधिक दमदार कंपनी और देश का निर्माण करना है।’
इस बीच हीरो मोटोकॉर्प ने आपूर्ति की कमी को उद्योग व्यापी गंभीर चुनौती माना, लेकिन निवेशकों को आश्वस्त किया कि उसने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही तक तेल-गैस इंजन वाले और ईवी दोनों ही मॉडलों के लिए दुर्लभ खनिज मैग्नेट हासिल कर लिए हैं।