facebookmetapixel
FY26 में भारत की GDP 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी हो सकती है: FitchIncome Tax Refund: टैक्स रिफंड अटका हुआ है? बैंक अकाउंट वैलिडेशन करना तो नहीं भूल गए! जानें क्या करें2 साल के हाई पर पहुंची बॉन्ड यील्ड, एक्सपर्ट ने बताया- किन बॉन्ड में बन रहा निवेश का मौकाCBIC ने दी चेतावनी, GST के फायदों की अफवाहों में न फंसे व्यापारी…वरना हो सकता है नुकसान‘Bullet’ के दीवानों के लिए खुशखबरी! Royal Enfield ने 350 cc बाइक की कीमतें घटाईUrban Company IPO: ₹1,900 करोड़ जुटाने के लिए खुला आईपीओ, लंबी अवधि के लिए निवेशक करें सब्सक्रिप्शनबर्नस्टीन ने स्टॉक पोर्टफोलियो में किया बड़ा फेरबदल: HDFC Bank समेत 5 नए जोड़े, 6 बड़े स्टॉक बाहरनिर्यातकों से लेकर बॉन्ड ट्रेडर्स तक: RBI पर हस्तक्षेप करने का बढ़ता दबावJP Associates के लिए $2 अरब की बोली Vedanta के लिए ‘क्रेडिट निगेटिव’Airtel से लेकर HDFC Bank तक मोतीलाल ओसवाल ने चुने ये 10 तगड़े स्टॉक्स, 24% तक मिल सकता है रिटर्न

व्यावसायिक वाहन क्षेत्र में टाटा, महिंद्रा को टक्कर देगी ओला!

Last Updated- December 18, 2022 | 11:21 PM IST
Ola Electric Q4 results

ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने​ तिपहिया और चारपहिया खंड में छोटे इलेक्ट्रिक कॉम​र्शियल वाहनों के साथ व्यावसायिक वाहन क्षेत्र में प्रवेश करने की पूरी तैयारी कर ली है। ओला इसके जरिये देश के दो शीर्ष व्यावसायिक वाहन दिग्गजों- टाटा मोटर्स (Tata Motors) और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) से मुकाबला करेगी। टाटा ने इस साल मई में इलेक्ट्रिक एस ईवी (छोटा चारपहिया व्यावसायिक वाहन) लाने की घोषणा की थी, जिसकी आपूर्ति जल्द शुरू होने की उम्मीद है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा का महिंद्रा ट्रियो के साथ छोटे तिपहिया व्यावसायिक वाहन बाजार में वर्चस्व है।

ओला अगले साल उतारेगी अपने वाहन

ओला के एक वरिष्ठ अधिकारी​ ने इसकी पु​ष्टि करते हुए कहा कि वे अपने वाहन अगले साल उतारेगी। परिवहन वेबसाइट ‘वाहन’ के अनुसार छोटे इलेक्ट्रिक व्यावसायिक वाहन खंड में ऐसे वाहन आते हैं, जिनकी वजन ढोने की कुल क्षमता 3.5 टन से ज्यादा नहीं हो। इस तरह के वाहनों का उपयोग आम तौर पर अंतिम छोर पर माल की आपूर्ति के लिए किया जाता है।

ओला के अ​धिकारी ने कहा कि कंपनी शुरुआत में तिपहिया और चारपहिया में 1 से 3 टन भार के बीच ध्यान केंद्रित करेगी। छोटे इलेक्ट्रिक व्यवसायिक वाहनों को छोटे ट्रक के तौर पर भी जाना जाता है और फेम-2 योजना के तहत यह सब्सिडी के लिए भी पात्र है। भवीश अग्रवाल का इलेक्ट्रिक स्टार्टअप यात्री खंड में भी ई-तिपहिया लाने की तैयारी कर रहा है, जिससे वह सीधे तौर पर बजाज ऑटो, महिंद्रा और ग्रीव्स कॉटन को टक्कर देगी। कंपनी हल्के व्यावसायिक वाहन क्षेत्र में भी अपने इलेक्ट्रिक व्यावसायिक वाहनों का विस्तार करेगी।

तिपहिया राइड शेयर कारोबार में ओला बड़ी कंपनी है

टाटा मोटर्स के सूत्रों ने कहा कि एस ईवी को वाहनों का बेड़ा संचालित करने वाले मालिकों के साथ परीक्षण किया जा रहा है और चार्जिंग का ढांचा बेड़ा संचालकों के परिसरों में विकसित किया गया है। इसकी औपचारिक आपूर्ति जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
ओला द्वारा तिपहिया वाहनों में प्रवेश आंशिक रूप से ओला के राइड शेयर व्यवसाय में बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण को बढ़ावा देने की योजना से प्रेरित है। कंपनी अपने पार्टनर आधार का लाभ उठाते हुए स्कूटर से लेकर कार तक और अब तिपहिया ई-वाहनों की बिक्री करेगी।

तिपहिया राइड शेयर कारोबार में ओला बड़ी कंपनी है और इसने ओला ड्राइवरों की जरूरत के मुताबिक कुछ ई-ऑटो रिक्शा भी तैयार किए हैं। कंपनी जल्द ही अपने पार्टनर ड्राइवरों को इन तिपहियों को खरीदने के लिए प्रोत्साहन देने की योजना का ब्यौरा बताएगी। इसमें वित्तीय मदद भी शामिल है।

कंपनी के कुछ वरिष्ठ अ​धिकारियों ने कहा कि छोटे इलेक्ट्रिक व्यावसायिक वाहनों और हल्के इलेक्ट्रिक व्यावसायिक वाहन का व्यापक बाजार है तथा इसमें मार्जिन भी अच्छा है, लेकिन बाजार को मौजूदा ईसीई उत्पादों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि वे उत्पादों को नए सिरे से तैयार कर रहै हैं और उनके डिजाइन तथा लागत को संतुलित करने पर काम कर रहे हैं।

यह भी पढ़े: Electric Vehicles Sales: 2030 तक EV की बिक्री होगी 40 फीसदी

इलेक्ट्रिक व्यावसायिक वाहन क्षेत्र में 36 फीसदी है टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी

खबरों के मुताबिक छोटे इलेक्ट्रिक व्यावसायिक वाहन क्षेत्र में टाटा ने एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, बिगबास्केट जैसी अग्रणी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ समझौते किए हैं और दिल्ली, पुणे, मुंबई जैसे शहरों में करीब 39,000 वाहनों की आपूर्ति की जानी है। वर्तमान में पिकअप सहित छोटे व्यावसायिक वाहन बाजार में हर महीने 45,000 वाहनों की बिक्री होती है और इसमें पारंपरिक ईंधन (आईसीई) से चलने वाले वाहनों का वर्चस्व है। इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी 36 फीसदी है। इसके अलावा महिंद्रा तथा अन्य कंपनियां भी इस क्षेत्र में मौजूद हैं। चारपहिया छोटे व्यावसायिक वाहन खंड को भी इलेक्ट्रिक में बदलने की तैयारी की जा रही है।

बेन ऐंड कंपनी के अनुसार ई-तिपहिया (ई-रिक्शा को छोड़कर) की मौजूदा हिस्सेदारी 4 फीसदी है, जो 2026 तक बढ़कर 18 से 22 फीसदी तक हो सकती है और 2023 में यह 45 से 50 फीसदी तक पहुंच सकती है। बेन के अनुसार 2022 में 10,400 ई-तिपहिया बिकने का अनुमान है।

First Published - December 18, 2022 | 8:07 PM IST

संबंधित पोस्ट