देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजूकी का कुल शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 129.7 फीसदी बढ़कर 2,391 करोड़ रुपये हो गया। वाहनों के दाम में इजाफे, महंगी कारों की अधिक मांग, जिंसों के दाम में नरमी और मुद्रा विनिमय अनूकूल रहने से कंपनी को मुनाफा बढ़ाने में मदद मिली है।
इस दौरान मारुति की कुल शुद्ध आय पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 26.9 फीसदी बढ़कर 29,918 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने बताया कि लागत घटाने के उपायों, मुद्रा विनिमय अनुकूल रहने और कच्चे माल की लागत घटने के साथ ही गैर-परिचालन आय ज्यादा होने से कंपनी का शुद्ध मुनाफा बढ़ा है।
मारुति ने बताया कि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही खत्म होने तक 3.63 लाख कारों के ऑर्डर उसके पास पड़े हुए थे, जिनमें से करीब 1.19 लाख ऑर्डर हाल ही में पेश की गई कारों के हैं।
मारुति का शुद्ध मुनाफा उनके अनुमान से 22.4 फीसदी अधिक रहा
रिलायंस सिक्योरिटीज में शोध प्रमुख मितुल शाह ने कहा कि मारुति सुजूकी का शुद्ध मुनाफा मुख्य रूप से वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी और महंगे वाहनों की मांग ज्यादा होने से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जिंसों के दाम घटने से कंपनी के मार्जिन में भी सुधार हुआ है। मारुति का शुद्ध मुनाफा उनके अनुमान से 22.4 फीसदी अधिक रहा।
मारुति सुजूकी की कुल बिक्री में कच्चे माल की लागत का हिस्सा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 75.7 फीसदी रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 78.8 फीसदी था।
कंपनी ने कहा कि सेमी कंडक्टरों की आपूर्ति बढ़ी है मगर अब भी कुछ समस्या देखी जा रही है। इसकी वजह से वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में कंपनी के 46,000 वाहनों का उत्पादन प्रभावित हुआ।
घरेलू यात्री कार बाजार में मारुति की हिस्सेदारी 41 फीसदी रही ,जो वित्त वर्ष 2022 में 43.4 फीसदी और अप्रैल 2021 में 52 फीसदी थी।
बेहतर नतीजों का असर मारुति के शेयर पर भी दिखा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर मारुति सुजूकी का शेयर आज 3.27 फीसदी बढ़कर 8,690 रुपये पर बंद हुआ।