प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि डिजिटल स्टैक विकसित करने की भारत की कवायद ग्लोबल साउथ के देशों के लिए उम्मीद की किरण है। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल सहयोग और साझेदारी को वैश्विक स्तर पर बढ़ाना चाहता है। मोदी ने कहा कि ब्रिटेन-भारत फिनटेक कॉरिडोर से लंदन स्टॉक एक्सचेंज और भारत के गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक सिटी) के बीच सहयोग के तरीकों सहित नए स्टार्टअप के परीक्षण और विकास के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) का मतलब ‘ऑल-इन्क्लूसिव’ है और भारत नैतिक एआई के लिए वैश्विक ढांचे का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि भारत ने हर जिले और भाषा में एआई के लाभों को पहुंचाने का प्रयास किया है।
मोदी ने कहा, ‘भारत का स्टैक सिर्फ भारत की सफलता की कहानी नहीं है। यह पूरी दुनिया के लिए कहानी है। भारत जो कर रहा है, वह ग्लोबल साउथ के देशों के लिए उम्मीद की किरण है। अपने डिजिटल नवाचार के साथ, हम पूरे विश्व में डिजिटल साझेदारी और डिजिटल सहयोग करना चाहते हैं।’
मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किअर स्टार्मर की भारत यात्रा के दौरान मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वित्तीय एकीकरण से कंपनियां भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौतों से लाभान्वित हो सकेंगी। उन्होंने अन्य देशों को भारत के साथ साझेदारी करने के लिए भी आमंत्रित किया। भारत और ब्रिटेन ने जुलाई 2025 में एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
मोदी ने कहा, ‘हम वैश्विक सार्वनिक बेहतरी के लिए अपना अनुभव और ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म साझा कर रहे हैं। भारत ने म़ॉडुलर ओपन सोर्स आइडेंटिटी प्लेटफॉर्म (एमओएसआईपी) विकसित किया है।’ उन्होंने कहा कि 25 से ज्यादा देशों ने इसे अपने सॉवरिन डिजिटल आइडेंटिटी सिस्टम के रूप में स्वीकार किया है। मोदी ने इसे सहायता के बजाय डिजिटल सशक्तीकरण करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘हम अन्य देशों को तकनीक साझा करने व विकसित करने में मदद कर रहे हैं। यह डिजिटल सहाययता नहीं है। यह डिजिटल सशक्तीकरण है।’ भारत के डिजिटल स्टैक में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस), भारत बिल पेमेंट्स सिस्टम (बीबीपीएस), भारत क्यूआर, डिजिलॉकर, डिजियात्रा, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) आदि शामिल हैं।
मोदी ने कहा कि अगले साल भारत में एआई इम्पैक्ट समिट का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘कुछ साल पहले ब्रिटेन में एआई सेफ्टी समिट का आयोजन किया गया था। अगले साल भारत में एआई इम्पैक्ट समिट आयोजित किया जाएगा।
भारत और ब्रिटेन ने दुनिया को वैश्विक व्यापार और परस्पर लाभदायक साझेदारी का रास्ता दिखाया है।’ उन्होंने कहा कि इंडिया एआई मिशन के तहत भारत हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग कैपेसिटी बना रहा है। इसका मकसद नवोन्मेषियों और स्टार्टअप को तकनीक की सस्ती और आसान पहुंच मिल सके।
उन्होंने कहा, ‘भारत का एआई मिशन डेटा और निजता दोनों को संभालने में सक्षम है। हम एआई में ऐसे प्लेटफॉर्म विकसित करना चाहते हैं, जिस पर नवोन्मेषी, समावेशी ऐप्लीकेशन विकसित कर सकें।’
मोदी ने कहा कि एआई के प्रति भारत का दृष्टिकोण 3 सिद्धांतों- इक्विटेबल एक्सेस, पॉपुलेशन स्केल स्केलिंग और रिस्पॉसिबल डेवलपमेंट पर आधारित है। उन्होंने कहा, ‘हमारा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रा अनुभव और हमारी लर्निंग रिपॉजिटरी दुनिया के लिए उपयोगी हो सकती है। हम जिस स्तर के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रा पर हैं, उसे हम एआई में आगे बढ़ाना चाहते हैं।’